नागौर के पशु मेले में बैल और ऊंटों को देखने पहुंचे विदेशी पावणे, सप्ताह भर चलेंगे आयोजन
नागौर, 13 फ़रवरी (हि.स.)। राज्य स्तरीय रामदेव पशु मेले में जिलेभर से आए पशुपालक अपने पशुओं की बिक्री कर रहे हैं। अन्य राज्यों से आए खरीदार भी यहां पशुओं को विशेषताओं के आधार पर खरीदने पहुंचे हैं। मेले में आकर्षण का केंद्र नागौरी बैल है। शारीरिक बनावट और ताकत के चलते नागौरी बैल अलग पहचान रखते हैं।
पशुपालन संयुक्त निदेशक डॉ. महेश मीणा ने बताया कि मेले में पर्यटन, कला व संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विभिन्न कार्यक्रम व प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। दस फरवरी से शुरू हुए इस मेले का मंगलवार को चौथा दिन रहा। यहां सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले पशुओं में नागौरी बैल और ऊंटों की नस्लों की डिमांड रहती है। यहां बिक्री के लिए आए ऊंटों और नागौरी बैलों को गोटे और बूटियों से बने वस्त्रों से सजाया गया है। इसे देखने के लिए विदेशी पर्यटक भी यहां पहुंचे हैं। पशु मेले में इसके अलावा उन्नत किस्म के ऊंट, घोड़े, गोवंश और अन्य पशु भी बिक्री के लिए आए हैं।
मेले की ख्याति ऐसी है कि स्पेन व अमेरिकी देशों से विदेशी मेहमान भी इस सांस्कृतिक विरासत को देखने पहुंच रहे हैं। मेले में आए एक विदेशी पर्यटक ने बताया कि वे यहां आकर काफी रोमांचित हैं। इतनी बड़ी संख्या पशुओं का मेला लगना रोमांचित कर देने वाला है। पशु मेले का ग्राउंड अब भरने लगा है। बुधवार से बड़ी संख्या में पशु उमड़ेंगे। अगले एक सप्ताह तक पशु मेले की रंगत खूब देखने को मिलेगी। पर्यटन विभाग की ओर से होने वाले कार्यक्रमों के लिए विदेशी पावणे भी नागौर पहुंचने लगे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप
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