एसिड पीने से जली आहार नली, बड़ी आंत से दूसरी बनाई

एसिड पीने से जली आहार नली, बड़ी आंत से दूसरी बनाई
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एसिड पीने से जली आहार नली, बड़ी आंत से दूसरी बनाई


जोधपुर, 06 दिसम्बर (हि.स.)। महात्मा गांधी अस्पताल के गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एक मरीज की बड़ी आंत से दूसरी आहार नली बनाई है। मरीज की एसिड पीने से आहार नली जल गई थी।

दरअसल जायल गांव निवासी प्रकाश नायक ने कुछ महीने पूर्व भूल से पी टॉयलेट साफ़ करने वाला एसिड लिया जिससे उसकी आहार नली बिगड़ गई। कुछ समय बाद उसकी आहार नली में सिकुडऩ होने से मरीज़ को खाना निगलने में परेशानी होने लगी और धीरे-धीरे समस्या बढऩे पर वह पानी और अपनी लार भी नहीं निगल पा रहा था। मरीज़ ने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने उसे गेस्ट्रो सर्जरी विभाग में डॉ. दिनेश चौधरी के पास रेफऱ कर दिया। गेस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश चौधरी के अनुसार मरीज़ की लगभग पूर्ण आहार नाल खऱाब होकर सिकुड़ गई थी और मरीज़ जो पहले 60 किलो का था उसका वजन घटकर 30 किलो रह गया। वह कुछ भी खाने पीने में असमर्थ था। इस परिस्थिति में उसकी बड़ी आंत से उसकी आहार नली बनाने का निर्णय लिया गया।

इस तरह हुआ ऑपरेशन

ऑपरेशन बहुत ही चुनौतीपूर्ण था क्योंकि बड़ी आंत को पेट से काटकर सीने में हार्ट के आगे से गले तक ले जाना था और गले में सांस की नली के पीछे आहार नाल से जोडऩा था। बड़ी आंत को सामान्यतया 4 रक्तवाहिनियां रक्त पहुंचाती है पर उसे गर्दन तक पहुंचाने के लिए 3 रक्तनलिका को काटना पड़ता है तथा बड़ी आंत केवल एक रक्तनलिका पर निर्भर रहती है जिसके चोट लगने से संपूर्ण बड़ी आंत खऱाब हो सकती है। इसलिए सावधानी से लेफ्ट कॉलिक आर्टरी को बचाकर बड़ी आंत को गले में और वापस पेट में आमाशय से जोड़ा गया और फिर बची हुई बड़ी आंत को छोटी आंत से जोड़ा गया। इस प्रकार ऑपरेशन में 3 जोड़ लगाए गए।इस ऑपरेशन को कोलोनिक इंटेरपोजीसन, इसोफ़ेगो-कोलोप्लासटी कहा जाता है। यह ऑपरेशन 6 घण्टे चला। पश्चिमी राजस्थान के किसी भी राज्य सरकार द्वारा संचालित हॉस्पिटल में यह इस तरह का पहला ऑपरेशन है।

इन्होंने किया ऑपरेशन

ऑपरेशन गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉ. दिनेश चौधरी और डॉ. शुभम शर्मा की टीम ने किया। डॉ. शाहिद एवं नर्सिंग ऑफि़सर फारूक ने सहयोग किया। निश्चेतना विभाग की विभागाध्यक्ष सरिता जनवेज़ा ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान मरीज़ के ह्रदय की धडक़न और रक्तचाप को नियंत्रण रखना चुनौती पूर्ण था। इसके लिए डॉ. फ़तेह सिंह भाटी के निर्देशन में डॉ. वंदना ने निश्चेतना दी एवं ऑपरेशन के दौरान मॉनिटरिंग की। ऑपरेशन के पश्चात मरीज़ को कुछ समय तक पेट में फ़ीडिंग टयूब से तरल पदार्थ दिए गए। अब मरीज़ पूरी तरह से स्वस्थ है और मुंह से सामान्य खाना खा रहा है। हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. राजश्री बेहरा ने बताया कि ऑपरेशन निशुल्क हुआ। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल एंड कंट्रोलर डॉ. दिलीप कच्छवाहा ने सफल ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन टीम को बधाई दी।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर

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