सुंधा माता के झरने में बहे पांच श्रद्धालु, एक की मौत

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सुंधा माता के झरने में बहे पांच श्रद्धालु, एक की मौत


जालाेर, 24 अगस्त (हि.स.)। जसवंतपुरा थाना इलाके सुंधा माता मंदिर परिसर में शनिवार सुबह से ही तेज बारिश का दौर जारी है। यहां पहाड़ी झरने के तेज बहाव में पांच श्रद्धालु बह गए। इस दाैरान माता के दर्शन करने आई डूंगरपुर की एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई।

जसवंतपुरा थाना इंचार्ज प्रताप सिंह ने बताया कि पानी में बहे तीन श्रद्धालुओं को पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से बाहर निकाल लिया। एक अन्य व्यक्ति की तलाश जारी है। पहाड़ी झरने पर शनिवार को बड़ी संख्या में दूरदराज से पर्यटक और श्रद्धालु आए हुए हैं। मौके पर राज्य त्वरित प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और सिविल डिफेंस की टीम है। एसडीआरएफ ने ऊपर से नीचे तक पूरे नाले का सर्च किया है। इसमें कोई भी श्रद्धालु नहीं मिला। तलहटी से मंदिर तक जाने वाले रोप-वे को बंद कर दिया गया है। भीनमाल एडीएम दौलतराम चौधरी भी मौके पर हैं।

बारिश के सीजन में सुंधा माता मंदिर में बड़ी संख्या में आसपास के जिलों और गुजरात से पर्यटक आए हैं। पुलिस ने एहतियात के तौर पर पर्यटकों को पानी से दूर रहने की चेतावनी दी है। सूचना के बाद जालोर एसपी ज्ञानचंद यादव भी सुंधा माता पहुंचे है। भीनमाल डीएसपी अन्नराज पुरोहित ने बताया मंदिर की सीढ़ियों पर तेज बहाव से आ रहे झरने के पानी में पांच श्रद्धालु बह गए। जिनमें से तीन लोगों को प्रशासन ने आसपास के लोगों की मदद से बचा लिया है। उन्हें इलाज के लिए जसवंतपुरा हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। एक महिला श्रद्धालु आहरी डूंगरपुर निवासी लक्ष्मी (45) पत्नी प्रेमचंद की मौके पर ही मौत हो गई। जिसका शव कुछ दूर एक पाइप में फंस गया था। एक लापता श्रद्धालु की तलाश जारी है। महिला के शव को सीएचसी जसवंतपुरा की माेर्चरी में रखवा दिया गया है और उनके परिजनों को घटना की जानकारी दे दी है। तीनों घायल भावेश पुत्र कालूभाई (23) निवासी रुपावटी अहमदाबाद (गुजरात), बालूसिंह (43) पुत्र बीखसिंह राजपूत निवासी बारैया (गुजरात), लक्ष्मी (50) पत्नी काउआ रोत निवासी मउडी जोतरी (डूंगरपुर) है। सुंधा माता तीर्थ स्थल जालोर शहर से 100 किलाेमीटर दूर जसवंतपुरा कस्बे के पास है। यहां सुंधा पहाड़ पर चामुंडा देवी का 900 साल पुराना मंदिर है। लोग इसे सुंधा माता का मंदिर कहते हैं। करीब 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर चारों और पहाड़ों से घिरा है। तेज बारिश के दौरान पहाड़ों से पानी तेज बहाव के साथ मंदिर के रास्ते पर बहता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / संदीप

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