पहले विज्ञान विषय भूला शिक्षा विभाग, फिर निकाला संशोधन आदेश
बीकानेर, 14 मार्च (हि.स.)। राजस्थान के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में आठवीं बोर्ड एग्जाम में इस बार साइंस विषय के सेशनल मार्क्स को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई थी। शिक्षा विभागीय पंजीयक कार्यालय की ओर से जारी एक आदेश में छह में से पांच विषयों के सेशनल मार्क्स ही भेजने के आदेश स्कूल प्रिंसिपल को दिए गए हैं। साइंस विषय का इसमें जिक्र नहीं किया गया है।
शिक्षा विभागीय परीक्षा कार्यालय के पंजीयक बजरंग लाल की ओर से जारी आदेश में हिन्दी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, गणित व तृतीय भाषा के सेशनल मार्क्स चार अप्रैल तक भेजने के आदेश दिए गए थे। इसमें साइंस विषय का जिक्र नहीं है। कुल पांच विषयों में ही सेशनल मार्क्स मांगे गए हैं जबकि कुल सब्जेक्ट छह हैं। ऐसे में यह असमंजस बन गया है कि साइंस विषय में सेशनल मार्क्स देने हैं या नहीं। माना जा रहा है कि विषयों को लिखते समय ये त्रुटि रह गई है।
शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल संचालकों को चार अप्रैल तक आठवीं बोर्ड में हिन्दी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, गणित और तृतीय भाषा में बीस-बीस मार्क्स में से मार्क्स देने हैं। इसी तरह दोनों क्लासेज में कार्यानुभव, कला शिक्षा और स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा में सौ मार्क्स में से सेशनल मार्क्स देने हैं।
इस बारे में शिक्षा विभागीय पंजीयक बजरंग लाल से एक मीडियाकर्मी ने बात की तो स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि सभी विषयों के सेशनल मार्क्स देने होंगे। जब उन्हें बताया गया कि पांच विषयों में ही सेशनल मार्क्स मांगे गए हैं तो पंजीयक ने ये कहते हुए फोन बंद कर दिया कि बाद में बात करता हूं। खास बात ये है कि स्वयं पंजीयक के हस्ताक्षर से ये आदेश जारी किया गया है। इसके बाद आदेश में संशोधन कर आदेश निकाला गया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप
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