सूचना आयोग ने ग्रेटर निगम उपायुक्त पर लगाया 25-हजार का जुर्माना

जयपुर, 23 मार्च (हि.स.)। राजस्थान राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई (सूचना का अधिकार कानून) के तहत सूचना नहीं देने पर नगर निगम ग्रेटर के मालवीय नगर जोन उपायुक्त (लोक सूचना अधिकारी) पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। मुख्य सूचना आयुक्त एमएल लाठर ने अपने आदेश में कहा कि जोन उपायुक्त का यह रवैया सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रति उनकी लापरवाही को प्रकट करता है।
दरअसल 70 वर्षीय भरत गुप्ता ने जोन उपायुक्त के यहां उनके क्षेत्र में स्थित सार्वजनिक पार्क के बाहर थड़ी-ठेलों और पार्किंग के चलते पार्क में आमजन का प्रवेश बाधित होने से संबंधित सूचना मांगी थी। सूचना के लिए उन्होंने आरटीआई के तहत 25 मई 2023 को आवेदन किया था। लेकिन करीब दो साल बाद भी उन्हें सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई। इसके बाद परिवादी ने सूचना के अधिकार कानून के तहत प्रथम अपील की। लेकिन प्रथम अपील के बाद भी उन्हें सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई। इसके बाद परिवादी ने राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की।
द्वितीय अपील पर सुनवाई कर आयोग ने 4 अप्रेल 2024 को जोन उपायुक्त को आदेश दिया कि वह परिवादी को सूचना उपलब्ध करवाए। लेकिन निगम उपायुक्त की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई। इस पर परिवादी ने फिर से राज्य सूचना आयोग में परिवाद दायर किया। इस पर आयोग ने निगम उपायुक्त को नोटिस जारी कर 15 दिन में स्पष्टीकरण देने और व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने इसकी पालना भी नहीं की। वहीं, आदेश से एक दिन पहले परिवादी को सूचना भेजकर कहा कि मांगी गई सूचना उनके कार्यालय से संबंधित नहीं है।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि निगम उपायुक्त का यह रवैया बताता है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया है। इसलिए उनके इन कृत्यों के लिए उन्हें दोषी करार दिया जाता है। उन पर 25 हजार का जुर्माना लगाया जाता है। यह जुर्माना उनके वेतन से काटर 30 दिन के अंदर आयोग में जमा करवाया जाए। इसके साथ ही आयोग ने अपने आदेश की प्रति प्रमुख शासन सचिव कार्मिक को भेजकर कहा कि लोक सूचना अधिकारी (जोन उपायुक्त) ने जानबूझकर आरटीआई कानून की अवहेलना की है। वहीं, आयोग के आदेश की पालना नहीं करके आयोग की अवमानना भी की है। ऐसे में उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश