वित्त विभाग का आदेश: सभी नए टेंडर और कार्यादेश पर रोक
जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश पर बढ़ते कर्ज के बोझ के मद्देनजर राज्य सरकार ने प्रदेशभर में टेंडर निकालने से लेकर नए काम शुरू करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। वित्त विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार जिन कामों के टेंडर प्रोसेस में हैं, उन्हें भी रोक दिया है। पहले से मंजूर कामों को आगे बढ़ाने पर भी रोक रहेगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोरा की ओर से प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति प्राप्त कार्यों के संबंध में सभी विभागों को जारी निर्देशों के अनुसार जिन कार्यों के टेण्डर वर्तमान में आमंत्रित नहीं किये गए हैं, उन्हें आगामी निर्देशों तक आमंत्रित नहीं किया जावे। वहीं जिन कार्यों के टेण्डर आमंत्रित करने के उपरांत कार्य आदेश नहीं दिए गए है, उनके कार्यादेश आगामी निर्देशों तक जारी नहीं किए जावें। इसके अलावा जो कार्य कार्यादेश के उपरान्त प्रारम्भ नहीं हुए हैं, उन्हें आगामी निर्देशों तक प्रारम्भ नहीं किया जाए तथा सामग्री/सेवा के उपापन की स्थिति में आगामी निर्देशों तक कार्यादेश को स्थगित/लम्बित रखा जावे।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी प्रशासनिक विभाग पूर्व में जारी प्रशासनिक अथवा वित्तीय स्वीकृति की स्थिति में भी उपरोक्तानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए ऐसी स्वीकृतियां विभागीय मंत्री या मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाएंगे तथा सक्षम स्वीकृति अथवा निर्देश प्राप्त होने पर ही कार्य की प्रक्रिया निरतंर रखी जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि गत कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लोकलुभावन योजनाओं पर भी भारी पैसा खर्च हुआ है। प्रदेश पर कर्ज का बोझ 5.30 लाख करोड़ पार कर गया है। अब नई सरकार के सामने प्रदेश का वित्तीय ढांचा दुरुस्त करने और जनकल्याणकारी योजनाओं को जारी रखना सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार अब गैर जरूरी खर्चों पर कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। नई भाजपा सरकार के पहले बजट में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ संदीप/ईश्वर
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