सॉयल हैल्थ कार्ड पोर्टल द्वारा कृषक जान सकेंगे अपने खेत की मिट्टी की सेहत
जयपुर, 21 फ़रवरी (हि.स.)। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ से प्रारंभ की गई। सॉयल हैल्थ कार्ड योजना का उद्देश्य प्रति इकाई लागत कम कर अधिक उत्पादन प्राप्ति के लिए उर्वरक सिफारिशों को अपनाने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करना है। इस कार्ड के माध्यम से कृषकों को उनके खेत की मिट्टी के उर्वरता स्तर की सटीक जानकारी प्राप्त होती है एवं फसलों में संतुलित खाद एवं उर्वरक के उपयोग को बढ़ावा मिलता है, जिससे फसलों के उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ अच्छी गुणवत्ता युक्त उत्पाद में वृद्धि होती है और प्रति इकाई लागत में कमी एवं कृषकों की आय में वृद्धि होती है।
कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि सॉयल हैल्थ कार्ड योजना के प्रथम चरण में सिंचित क्षेत्र में 2.5 हैक्टेयर इकाई क्षेत्र से एक नमूना एवं असिंचित क्षेत्र में 10 हैक्टेयर क्षेत्र से एक नमूना लिया गया। वर्ष 2019-20 से राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों के चयनित गांवों के खेतों सेे मृदा नमूने लिये जा रहे है। वर्तमान में मृदा नमूनों का संग्रहण भारत सरकार द्वारा विकसित सॉयल हैल्थ कार्ड ऐप के माध्यम से कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा कृषकों का पंजीकरण करते हुए ऑनलाइन किया जा रहा है। प्रयोगशालाओं द्वारा प्राप्त नमूनों का विश्लेषण कर सॉयल हैल्थ कार्ड पोर्टल पर जांच परिणामों की प्रविष्टियां करते हुए कार्ड तैयार किये जाते हैं। यह कार्ड कृषि पर्यवेक्षकों द्वारा किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं। यदि कृषकों को कार्ड प्राप्त नही होते हैं तो कृषक भारत सरकार के सॉयल हैल्थ कार्ड पोर्टल पर लॉग-इन कर अपना मोबाइल नम्बर दर्ज कर सॉयल हैल्थ कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। इस योजनान्तर्गत विकसित भारत संकल्प यात्रा में 2 लाख 21 हजार 299 कार्ड वितरित किये गये है।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप
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