पूर्व सरपंच पति ने महिला का अंतिम संस्कार करने से रोका, शव लेकर धरने पर बैठे परिजन

पूर्व सरपंच पति ने महिला का अंतिम संस्कार करने से रोका, शव लेकर धरने पर बैठे परिजन
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पूर्व सरपंच पति ने महिला का अंतिम संस्कार करने से रोका, शव लेकर धरने पर बैठे परिजन


दौसा, 30 मई (हि.स.)। दौसा जिले के बांदीकुई क्षेत्र के फुलेला गांव में गुरुवार को पूर्व सरपंच के पति ने सरकारी भूमि पर बने श्मशान में बुजुर्ग महिला के दाह संस्कार को रोक दिया। इससे गुस्साए परिजन शव लेकर चार घंटे तक धूप में बैठे रहे। सूचना पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन से पूर्व सरपंच पति सरकारी जमीन को खुद की बताकर अड़ा रहा तो वहीं शव लेकर धरने पर बैठे लोग उसे सरकारी जमीन बता रहे थे। काफी देर गहमागहमी के बाद मामला शांत हुआ, तब जाकर महिला का अंतिम संस्कार किया गया।

जानकारी के अनुसार फुलेला गांव की 90 वर्षीय भौरी देवी कि बुधवार शाम को मौत हो गई। परिजन व ग्रामीण सुबह महिला का दाह संस्कार करने के लिए घर से निकल बस स्टैंड के पास बने श्मशान घाट पर पहुंचे। इस दौरान पूर्व सरपंच के पति भगवान सहाय ने दाह संस्कार नहीं होने दिया। मौके पर पहुंची बसवा तहसीलदार अनु शर्मा एवं थाना प्रभारी सचिन शर्मा की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।

ग्रामीणों का कहना था कि वर्षों से इसी श्मशान में अंतिम संस्कार करते आए हैं। पूर्व सरपंच के पति भगवान सहाय ने जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया। जेसीबी से पूरी जमीन को खुर्दबुर्द कर ईंट भट्टे के लिए मिट्टी निकालता है। वहीं तहसीलदार अन्नू शर्मा ने बताया कि यह जमीन सरकारी है और मामला अदालत में भी है। बसवा एसडीएम रेखा मीणा ने कहा कि जिस जगह लोग महिला का दाह संस्कार करना चाहते थे, वह जमीन सरकारी है। सरकारी जमीन को खुद की बताकर दाह संस्कार से रोकना गलत है। हमने उसे पाबंद कर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार/चरण/संदीप

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