रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश का लक्खी मेला शुरु

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रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश का लक्खी मेला शुरु


सवाईमाधोपुर, 6 सितंबर (हि.स.)। रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश का लक्खी मेले की विधिवत शुरुआत शुक्रवार को मंगला आरती के साथ हो गई है। रणथम्भौर दुर्ग में त्रिनेत्र गणेश का लक्खी मेला छह से आठ सितम्बर तक आयोजित किया जा रहा है। लक्खी मेले के दौरान यहां सात लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। मेले में करीब 100 भण्डारे लगाए जा रहे है। जिनमें यहां आने के लिए भक्तों निशुल्क प्रसादी बांटी जा रही है। इन भण्डारों में पूड़ी, सब्जी, आलू बड़े, पकौड़ी, पोहा, कचौरी, कोप्ता, मैदा का पेठा, दाना नमकिन, फल, फ्रूट, शर्बत, शिकंजी, जलजीरा, चाय, कॉफी व जल की निशुल्क व्यवस्था की जाती है। यह भण्डारे सवाई माधोपुर शहर वासियों सामूहिक सहयोग से लगाए जाते है।

इस दौरान शेरपुर हैलीपेड तक वाहनों की एंट्री दी जा रही है। जिसके बाद भक्त करीब आठ किलोमीटर पैदल चलकर भगवान गणेश दर्शन करने पहुंच रहे है। यहां मेले को लेकर जिला प्रशासन और मन्दिर ट्रस्ट की ओर श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। महंत बृजकिशोर दाधीच के अनुसार 6 सितम्बर को सुबह 7 बजे मंगला आरती, 9 बजे श्रृंगार आरती, 12 बजे भोग आरती, शाम 7 बजे संध्या आरती की जाएगी। इसी तरह 7 सितंबर गणेश चतुर्थी को सुबह 5 बजे मंगला आरती, 9 बजे श्रृंगार आरती, 12 बजे जन्मोत्सव आरती (जिसमें भगवान त्रिनेत्र गणेश क सोने चांदी से विशेष श्रृंगार किया जाएगा) शाम 7 बजे संध्या आरती की जाएगी। वहीं 8 सितम्बर को सुबह 7 बजे मंगला आरती, 9 बजे श्रृंगार आरती, दोपहर 12 बजे भोग आरती, शाम 6 संध्या आरती, शाम 7 बजे शयन आरती की जाएगी। इसी के साथ ही त्रिनेत्र गणेश लक्खी मेले का समापन हो जाएगा।ई म

अरावली की पर्वतमालाओं में रणथम्भौर दुर्ग में स्थित भगवान गणेश का मंदिर एकमात्र ऐसा है, जहां भगवान गणेश त्रिनेत्र रूप में अपनी पत्नी रिद्धी-सिद्धी एवं पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजित हैं। देश भर के भक्त यहां हर साल गणेश भगवान को चिठ्ठियां भेजकर अरदास लगाते हैं और इतना ही नहीं डाक के माध्यम से निमंत्रण पत्र भेजकर विवाह व अन्य मांगलिक समारोह में आने का निमंत्रण भी देते हैं। डाक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार औसतन सालाना रणथम्भौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश भगवान के नाम से 25 से 50 हजार के बीच चिठ्ठियां यहां आती हैं।

त्रिनेत्र गणेश के दर पर आने वाले निमंत्रण पत्रों को पहुंचाने के लिए डाक विभाग की ओर से एक पोस्टमैन को विशेष रूप से तैनात किया गया है। डाक विभाग की ओर से नियुक्त डाकिया सप्ताह में एक बार डाक विभाग में त्रिनेत्र गणेश रणथम्भौर के नाम से आईं डाक को रणथम्भौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर प्रबंधन तक पहुंचाता है। रणथम्भौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश के नाम से आने वाले सभी पत्रों को मंदिर के पुजारी की ओर से पहले त्रिनेत्र गणेश के चरणों में अर्पण किया जाता है। इसके बाद पुजारी पत्र या कार्ड को खोलकर भगवान गणेश को पढकऱ सुनाते हैं। इसके बाद ही त्रिनेत्र गणेश का निमंत्रण पूर्ण माना जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

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