जीवन की सार्थकता का बोध कराता है उत्कृष्ट साहित्यः होसबाले

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जीवन की सार्थकता का बोध कराता है उत्कृष्ट साहित्यः होसबाले


जीवन की सार्थकता का बोध कराता है उत्कृष्ट साहित्यः होसबाले


(नोट- कैटेगरी में परिवर्तन के बाद पुनः जारी)

उदयपुर, 4 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि साहित्य समाज को दिशा प्रदान करता है। राष्ट्र और समाज के लिए समर्पण की भावना से परिपूर्ण साहित्य नागरिक को यह समझाने में सहायक होता है कि जीवन की सार्थकता किसमें है।सरकार्यवाह होसबाले बुधवार शाम को यहां उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में राष्ट्रीय साहित्य दीर्घा के उद्घाटन अवसर पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन की सार्थकता देश, धर्म और समाज को सशक्त बनाने के लिए अपनी ओर से किए गए योगदान से है। इस भावना को प्रबल करने की दिशा में साहित्य का बड़ा योगदान है। उत्कृष्ट साहित्य व्यक्ति के व्यक्तित्व को भी उत्कृष्टता की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि हर स्थान पर व्यक्ति को श्रेष्ठ गुणों से परिपूर्ण करने वाले साहित्य की उपलब्धता होनी चाहिए। उन्होंने सभी से निरंतर साहित्य पढ़ने को दिनचर्या में शामिल करने का आह्वान किया। प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि केन्द्र के भामाशाह विक्रय केन्द्र पर ज्ञान गंगा प्रकाशन की ओर से राष्ट्रीय साहित्य दीर्घा बनाई गई है। यह दीर्घा अब यहां निरंतर रहेगी और इसमें राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत साहित्य उपलब्ध रहेगा। इस अवसर पर अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन, अखिल भारतीय सामाजिक सद्भाव प्रमुख बलिराम, क्षेत्र के सेवा प्रमुख शिवलहरी, क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह राठौड़, चित्तौड़ प्रांत के सह प्रांत प्रचारक धर्मेन्द्र सिंह, प्रांत संघचालक एडवोकेट जगदीश राणा, प्रांत सहकार्यवाह नारायण गमेती आदि उपस्थित थे। ---------------

हिन्दुस्थान समाचार

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