बजरी माफिया से सांठगांठ और गंभीर लापरवाही पर ग्यारह पुलिस निरीक्षकों पर गिरी गाज

WhatsApp Channel Join Now
बजरी माफिया से सांठगांठ और गंभीर लापरवाही पर ग्यारह पुलिस निरीक्षकों पर गिरी गाज


जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान पुलिस मुख्यालय की सतर्कता शाखा ने राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ा है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस सतर्कता एस सेंगाथिर के निर्देशन में प्रदेश भर में चलाए गए डिकॉय ऑपरेशन के बाद कर्तव्य निर्वहन में गंभीर लापरवाही और अवैध बजरी खनन में संलिप्तता पाए जाने पर गाज गिरी है। इस कार्रवाई में पांच पुलिस निरीक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि छह अन्य को लाइन हाजिर किया गया है।

एडीजी सेंगाथिर ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर गठित 11 विशेष टीमों ने 18 और 19 दिसंबर को राज्य के विभिन्न जिलों में गुप्त तरीके से डिकॉय ऑपरेशन को अंजाम दिया। इन टीमों ने आम नागरिक बनकर पुलिस थानों की कार्यप्रणाली, नाकाबंदी और गश्त व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान सामने आया कि कई थानों में न केवल बजरी के अवैध परिवहन को नजरअंदाज किया जा रहा था,बल्कि ड्यूटी के प्रति भी भारी लापरवाही बरती जा रही थी। जांच में दोषी पाए जाने पर 21 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय ने सख्त कदम उठाते हुए जयपुर दक्षिण जिले के शिवदासपुरा, टोंक के पीपलू व बरौनी, अजमेर के पीसांगन और धौलपुर के कोतवाली थाना अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

इसके साथ ही भीलवाड़ा के थाना गुलाबपुरा, कोटा शहर के कुन्हाड़ी व नान्ता, दौसा के लालसोट, चित्तौड़गढ़ के गंगरार और जोधपुर पश्चिम के लूणी थाना अधिकारियों को लाइन हाजिर किया गया है। इन सभी के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

पुलिस मुख्यालय ने कड़ा संदेश देते हुए स्पष्ट किया है कि प्रदेश में बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण में किसी भी पुलिसकर्मी की मिलीभगत या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे दोषी कार्मिकों के विरुद्ध त्वरित अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

ऑपरेशन में दोषी मिले 11 थानों के 15 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए पीएचक्यू से आईजी जयपुर, कोटा, भरतपुर और अजमेर को निर्देश जारी किए गए हैं।

इससे पहले नवंबर माह में भी सतर्कता शाखा ने एक व्यापक अभियान चलाया था। उस दौरान जीरो एफआईआर दर्ज न करने, परिवादियों से दुर्व्यवहार, साइबर क्राइम की शिकायतों पर ढिलाई, एसपी ऑफिस में प्राप्त परिवादों में परिवाद अनुभाग की कार्यप्रणाली, थाना अधिकारियों की गश्त प्रणाली एवं कार्यशैली और महिला डेस्क पर आने वाली महिलाओं के साथ संवेदनहीन व्यवहार जैसे बिंदुओं पर डिकॉय ऑपरेशन किया गया था।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

Share this story