लोकसभा चुनाव-2024 : कोटा-बूंदी सीट पर भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर
अरविंद गुप्ता
कोटा, 26 मार्च (हि.स.)। राजस्थान के दक्षिण पूर्वी हाडौती संभाग में कोटा-बूंदी लोकसभा सीट को भाजपा का परंपरागत गढ माना जाता है। हमेशा की तरह इस चुनाव में भी भाजपा व कांग्रेस में सीधा मुकाबला होगा। यहां चंबल नदी की दो बड़ी नहरें होने से कोटा व बूंदी जिले की अर्थव्यवस्था सिंचित कृषि पर आधारित है। इस क्षेत्र में कोटा स्टोन का खनन होने से यह हजारों परिवारों की आय का साधन है। जातीय समीकरण को देखें तो यहां मीणा, धाकड, गुर्जर, माली, मुस्लिम, ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की संख्या सर्वाधिक है। इसके अतिरिक्त इस सीट पर 50 प्रतिशत से अधिक महिला वोटर होने से उनकी भूमिका भी निर्णायक रहेगी।
इस लोकसभा चुनाव में लोकसभा अध्यक्ष रहे भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल से होगा, जो कोटा उत्तर से भाजपा के पूर्व विधायक रहे हैं। हाल ही में विधानसभा चुनाव में वे कोटा उत्तर से भाजपा प्रत्याशी रहे हैं। लेकिन इस चुनाव में पार्टी से टिकट न मिलने पर वे कांग्रेस में शामिल हो गये हैं। जिससे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। हाल में कांग्रेस के कई बडे नेता व पार्षद भाजपा में शामिल हो गये हैं, जिससे कांग्रेस को करारा झटका लगा है। जबकि भाजपा में पीएम मोदी के नाम पर एकजुटता साफ दिखाई दे रही है। हालांकि दोनों प्रत्याशी जनता से सीधा जुडाव रखते हैं, ऐसे में मुकाबला रोचक हो सकता है।
तीन में से दो बार भाजपा जीती -
वर्ष 2019 के आमचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला ने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2,79 लाख वोटों से पराजित कर दूसरी बार जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कुल 13,67,928 मतदाताओं में से भाजपा को 58.52 प्रतिशत एवं कांग्रेस को 38.07 प्रतिशत वोट मिले थे। अर्थात् 5 वर्ष में भाजपा को 3 प्रतिशत अधिक वोट मिले। वर्ष 2014 में श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला ने कांग्रेस प्रत्याशी इज्यराज सिंह को 2 लाख 782 मतों के अंतर से हराया था। तब 11,55,972 मतदाताओं में से भाजपा को 55.83 प्रतिशत एवं कांग्रेस को 38.45 प्रतिशत वोट मिले थे। इससे पहले, इसी सीट पर वर्ष 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी इज्यराज सिंह ने भाजपा के श्याम शर्मा को 83,093 मतों से हराया था। तब कुल 6,82,412 लाख मतदाताओं में से कांग्रेस को 52.80 प्रतिशत एवं भाजपा को 40.63 प्रतिशत वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव में दोनो को 4-4 सीटें -
कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की कुल 8 सीटें हैं। जिनमें से 4 पर भाजपा और 4 पर कांग्रेस विजयी रही है। कोटा दक्षिण से भाजपा के संदीप शर्मा, सांगोद से भाजपा के हीरालाल नागर, लाडपुरा से भाजपा की कल्पना देवी, रामगंजमंडी से भाजपा के मदन दिलावर विधायक हैं। कोटा उत्तर से कांग्रेस के शांति धारीवाल, बूंदी से कांग्रेस के हरिमोहन शर्मा, पीपल्दा से कांग्रेस के चेतन पटेल, केशवरायपाटन से कांग्रेस के सीएल प्रेमी विधायक हैं।
नया एयरपोर्ट, नया उद्योग चुनावी मुद्दा-
संभागीय मुख्यालय होने से कोटा में नये एयरपोर्ट का निर्माण सबसे बडा चुनावी मुद्दा रहेगा, हालांकि 21 नवंबर,2023 को यहां एक आमसभा में पीएम मोदी खुद कोटा में नया एयरपोर्ट खोलने की गारंटी देकर गये हैं। औद्योगिक नगरी कोटा में तीन बडे़ उद्योगों के बंद हो जाने से बेरोजगारी संकट बढ़ा है। कई लघु व मध्यम उद्योग बंद होने से स्थानीय बेरोजगार युवा बडे शहरों में पलायन कर रहे हैं। सिर्फ कोचिंग संस्थानों से यहां हर वर्ग को अस्थायी रोजगार मिल रहा है।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में कोटा में सोगरिया रेलवे स्टेशन का निर्माण और अब कोटा जंक्शन व दकनिया रेलवे स्टेशन का पुनरूद्धार कार्य चल रहा है, जिससे दिल्ली-मुंबई रूट पर यह सबसे दर्शनीय रेलवे स्टेशन बन जायेगा। प्रदेश की पूर्व गहलोत सरकार ने कोटा में पर्यटन के लिये चंबल रिवर फ्रंट व सिटी पार्क का निर्माण कराया। केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना के तहत यहां सीवरेज लाइनों का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। कोटा के नागरिकों का कहना है कि महंगाई, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा से बडा मुद्दा है मजबूत भारत का निर्माण। प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत-2047 से प्रभावित होकर 10 में से 8 शहरी मतदाता मोदी को फिर से प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/ईश्वर
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।