दिवाली पर बन रहा महासंयोग : पांच राजयोग के साथ आठ शुभ संयोग घर-परिवार में लाएंगे खुशहाली

दिवाली पर बन रहा महासंयोग : पांच राजयोग के साथ आठ शुभ संयोग घर-परिवार में लाएंगे खुशहाली
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दिवाली पर बन रहा महासंयोग : पांच राजयोग के साथ आठ शुभ संयोग घर-परिवार में लाएंगे खुशहाली


जयपुर, 11 नवंबर (हि.स.)। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर रविवार को स्वाति नक्षत्र के साथ आयुष्मान व सौभाग्य योग के विशेष संयोग के बीच दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन पांच राजयोग के साथ आठ शुभ संयोग भी रहेंगे। प्रदोषयुक्त अमावस्या होने से स्थिरलग्न व स्थिर नवांश में लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। राजस्थान में इस दिन प्रदोषकाल शाम पांच बजकर चौतीस मिनट से रात आठ बजकर तेरह मिनट तक रहेगा। वहीं वृषभ लग्न शाम पांच बजकर पचास मिनट से सात बजकर सैंतालीस मिनट तक रहेगा। वहीं सिंह लग्न मध्यरात्रि बारह बजकर बीस मिनट से रात दो बजकर छत्तीस मिनट तक रहेगा।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि दिवाली पर स्वाति नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है, जो शनिवार रात एक बजकर 47 मिनट पर शुरू हुआ, जो दिवाली के दिन रविवार को रात 2 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस बीच लक्ष्मी पूजन सिद्धि दायक होगा। इस दिन आयुष्मान व सौभाग्य योग का भी संयोग है। लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय रविवार को शाम छह बजकर दो मिनट से सवा छह बजे तक रहेगा, इस दौरान प्रदोषकाल, स्थिर वृषलग्न तथा कुम्भ का नवांश भी रहेगा। इस समय लक्ष्मी पूजन करना सुख-समृद्धि लेकर आएगा। इस साल दीपावली पर एक साथ 3 शुभ योग और 5 राजयोग का संयोग रहेगा, इनमें गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नामक योग शामिल है। इन राजयोगों का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण हो रहा है। लक्ष्मी पूजा के समय आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेंगे। दीपावली पर शुभ योगों की ऐसी स्थिति पिछले 700 सालों में नहीं बनी। इतने शुभ संयोग बनने से ये लक्ष्मी पर्व सुख-समृद्धि देने वाला रहेगा।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि वैदिक ज्योतिष में गजकेसरी योग को सम्मान और लाभ देने वाला माना जाता है। हर्ष योग धन लाभ, संपत्ति और प्रतिष्ठा बढ़ता है। काहल योग स्थिरता और सफलता देता है। वहीं, उभयचरी योग से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। दुर्धरा योग शांति और शुभता बढ़ाता है। वहीं कई सालों बाद दीपावली पर दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा जब शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे। दीपावली की शाम को शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, मां सरस्वती और धन के देवता कुबेर की पूजा-आराधना होती है। मान्यता है दीपावली की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं, जहां साफ-सफाई के साथ विधिविधान से पूजा होती है, माता लक्ष्मी वहीं पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इस दिन दीपावली पूजा में श्रीसूक्त और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करना श्रेष्ठ रहता है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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