दरगाह कमेटी के कार्यकाल की ईडी से हो जांच- खादिम



अजमेर, 18 मार्च (हि.स)। सूफ़ी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का इंतजाम संभालने वाली दरगाह कमेटी के काम काज को लेकर शनिवार को मुस्लिम प्रतिनिधियों और खादिमों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पांच वर्ष के कार्यकाल में कमेटी ने जायरीन की सहुलियत व सुविधाओं के लिए कोई कदम नहीं उठाया बल्कि दानदाताओं के द्वारा दी गई राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है केंद्र सरकार इनके कार्यकाल की ईडी से जांच कराए।

ज्ञापन में बताया गया कि पूरी दुनिया में सूफी विचारधारा का सबसे बड़ा मरकज़ दरगाह हज़रत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ (र.अ.) है और यहां सभी जाति, धर्म, रंग व नस्ल के लोग बहुत ही अक़ीदत से आते हैं लेकिन यहां की व्यवस्थाओं को संभालने वाली दरगाह कमेटी अपनी जिम्मेदारियों को सही तरह से नहीं निभा रही है। दरगाह की छतों पर जगह-जगह गढ्ढे हो रहे हैं, फर्श भी कई जगह से टूटी हुई है, व गंदगी चारों ओर पसरी हुई है, इमारतों में जगह-जगह मेन्टेनेंस की ज़रूरत है जो पिछले काफी सालों से नहीं हुई है साथ ही दरगाह कमेटी की शहर में जो जायदाद है उसे असंवैधानिक तरीके से खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। दरगाह शरीफ में मेन्टेनेंस का काम ना तो दरगाह कमेटी खुद करती है और ना ही किसी ओर को करने देती है, जिस वजह से दरगाह की कदीमी इमारतें कमजोर हो रही है। दरगाह की जायदाद की देखभाल के बजाय कमेटी के मेम्बर बाबर अशरफ अब दरगाह शरीफ में पीरी मुरीदी करने लग गये हैं और आने वाले जायरीन के लिए दरगाह में दुआ कर रहे हैं जबकि यह काम पीढ़ी दर पीढ़ी सिर्फ और सिर्फ खुद्दामे ख्वाजा का है इनको दरगाह से कोई वास्ता नहीं है, साथ ही दरगाह की व्यवस्थाओं को लेकर पिछले काफी समय से ‘‘दरगाह कमेटी में स्थाई नाज़िम का नहीं होना और दरगाह की व्यवस्थाओं पर ध्यान ना देना‘‘ स्थाई नाज़िम नहीं होने से दरगाह कमेटी दरगाह की व्यस्थाओं को संभालने के लिए किसी फैसले पर नहीं पहुंच पा रही है जिसका खामियाज़ा ज़ायरीन को उठाना पड़ रहा है।

स्थाई नाज़िम की नियुक्ति के साथ-साथ दरगाह में पीरी मुरीदी करने वाले बाबर अशरफ और सदर शादिह हुसैन रिज़वी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाये। दरगाह कमेटी के सदस्यों द्वारा अपने इस कार्यकाल में लगभग एक करोड़ की राशि टीए डीए के नाम पर उठाई है । सोलह खंबा शौचालय को लेकर भी प्रतिनिधियों ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद दरगाह कमेटी वेटिग हॉल का संचालन नहीं करवा पा रही है।

ज्ञापन देने वालों में अब्दुल बारी चिश्ती, काज़ी मुन्नावर अली, गुलाम मुस्तफा चिश्ती, हाजी शेखजादा इफ्तेखार चिश्ती,अंजुमन सदस्य फैजले हसन चिश्ती, सैय्यद असलम, अनवर चिश्ती, बाबर चिश्ती, अहसान मिर्ज़ा, कय्यूम खान, इकबाल चिश्ती, सलमान खान, सैय्यद फजले अमीन चिश्ती, गुलजार चिश्ती, रुहुल अमीन, साजिद अली, हाजिक चिश्ती, काज़ी अनवर अली, वाहिद मोहम्म्द,पीर फखर काजमी आदि मौजूद थे।

दूसरी तरफ सूफी ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह कमेटी की शनिवार को हुई बैठक में दरगाह शरीफ़ के विकास मॉडल एवं जायरीन की सुविधा एवं प्रबन्धन के नए विकास कार्यों पर चर्चा की गई। बैठक में नायब सदर मुनव्वर खान, सदस्य अमीन पठान, फारूके आज़म, सैयद बाबर अशरफ, कासिम मलिक, सपात खान, वसीम राहतअली, जावेद पारेख एवं नाज़िम मोहम्मद नदीम उपस्थित रहे। गरीब नवाज अतिथि गृह में सम्पन्न हुई बैठक की अध्यक्षता सदर सैयद शाहिद हुसैन रिज़्वी ने की। इस बैठक में नए विकास कार्यों को कराए जाने का निर्णय किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप

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