आयरन ओर ब्लॉकों की ई-नीलामी शुरु: रोजगार-राजस्व के विकसित होंगे नए अवसर
जयपुर, 1 मार्च (हि.स.)। राज्य के माइंस विभाग ने राजस्थान के करौली में आयरन ओर (लोह अयस्क) के 4 ब्लॉकों की कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरु करते हुए भारत सरकार के पोर्टल एमएसटीसी पर टेण्डर डाक्यूमेंट बिक्री के लिए उपलब्ध करा दिया है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश और पहल पर खान विभाग ने पिछले दिनों ही करौली में हिण्डोन के पास करीब 1888 हैक्टेयर क्षेत्र में आयरन ओर ब्लॉकों के कंपोजिट लाइसेंस के लिए नीलामी की तैयारी शुरु की। खान सचिव आनन्दी ने बताया कि करौली के हिण्डोन के पास खोड़ा, डेडरोली, टोडुपुरा और लीलोटी में आयरन ओर के 840 मिलियन टन से अधिक डिपोजिट के संकेत मिले हैं। राज्य सरकार द्वारा कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई-नीलामी की जाएगी। आयरन ओर के नए डिपोजिट्स से प्रदेश में औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी विकसित होंगे।
खान सचिव आनन्दी ने बताया कि करौली के आयरन ओर ब्लॉकों की ई-नीलामी में हिस्सा लेने के इच्छुक प्रतिभागी 15 मार्च तक एमएसटीसी पोर्टल से टैण्डर डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकेंगे। देशदुनिया में कहीं से भी ई-नीलामी में हिस्सा लेने के इच्छुक प्रतिभागी 4 अप्रेल को मध्यान्ह एक बजे तक बिड प्रस्तुत कर सकेंगे। इसके बाद 22 अप्रेल को डेडरोली, 23 अप्रेल को खोडा, 24 अप्रेल को लीलोटी और 25 अप्रेेल को टोडुपुरा आयरन ओर ब्लॉक की ई-नीलामी होगी।
निदेशक खान भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि विभाग द्वारा करौली आयरन ओर के चारों ब्लॉकों की ई-नीलामी का नोटिस जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभागीय वेबसाइट और भारत सरकार के पोर्टल एमएसटीसी पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
कलाल ने बताया कि विभाग मेजर और माइनर ब्लॉकों की ई-नीलामी का नया रिकार्ड कायम करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नीलामी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने से देश दुनिया में कहीं भी बैठा व्यक्ति भारत सरकार के ई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर नीलामी में हिस्सा ले सकते हैं।
आरंभिक एक्सप्लोरेशन में आयरन ओर के मेग्नेटाइट और हेमेटाइट दोनों के ही संकेत मिले हैं। करौली के खोड़ा में 462.3 हैक्टेयर, डेडरोली में 754.38 हैक्टेयर, टोडुपुरा में 260.71 हैक्टेयर और लीलोटी में 410.94 हैक्टेयर क्षेत्र में आयरन ओर के डिपोजिट मिले हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां आयरन ओर के 840 मिलियन टन से अधिक डिपोजिट है। यहां पर चुंबकीय प्रकृति के मेग्नेटाइट और नार्मल प्रकृति के हेमेटाइट आयरन ओर उपलब्ध है। आरएसएमईटी द्वारा ऑक्शन के लिए ब्लॉक तैयार किये गये हैं।
कंपोजिट लाइसेंस के ऑक्शन से इस क्षेत्र में फर्दर एक्सप्लोरेशन से आयरन ओर के और अधिक डिपोजिट्स मिलने की संभावना है। करौली में आयरन ओर मिलने से आने वाले समय में प्रदेश में स्टील व सीमेंट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। आयरन ओर से स्टील उद्योग के साथ ही कोल वाशिंग, फेरोअलॉय, फाउण्ड्रीज, सेरेमिक और सीमेंट उद्योग सहित अनेक उद्योगों को वर्षों तक कच्चा माल प्राप्त हो सकेगा व प्रदेश में इन उद्योगों में निवेश और नए उद्योग लगने के साथ ही रोजगार और आय के अवसर विकसित होंगे। राजस्थान में आयरन ओर संभावित डिपोजिट के लिए जयपुर, झुन्झुनू, भीलवाडा, सीकर, अलवर आदि में खनन और एक्सप्लोरेशन कार्य जारी है।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।