विश्व तंबाकू निषेध सप्ताह के तहत जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन

विश्व तंबाकू निषेध सप्ताह के तहत जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन
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विश्व तंबाकू निषेध सप्ताह के तहत जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन


जयपुर, 28 मई (हि.स.)। राजस्थान राज्य भारत स्काउट और गाइड मंडल मुख्यालय जयपुर की ओर से आयोजित कौशल विकास एवं अभिरुचि शिविर में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत विश्व तंबाकू निषेध सप्ताह के तहत जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें स्काउट और गाइड कौशल विकास प्रतिभागियों ने भाग लिया।

स्काउट और गाइड के अध्यापक प्यारेलाल ने नशे को नकारात्मक बताते हुए कहा कि नशा हमारे समाज में एक गंभीर समस्या के रूप में मौजूद है। बारह साल के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक लोग आम नशा तंबाकू (गुटखा) से ग्रस्त हैं। यह संपूर्ण विश्व में एक जाल की तरह फैला हुआ है और इससे बचने के लिए ठोस और सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है क्योंकि इसके प्रभाव घातक हैं।

शिक्षित रोजगार केंद्र प्रबंधक समिति के प्रतिनिधि हिरेन्द्र सेवदा ने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत हम सभी को सहयोग करने की आवश्यकता है। हमें अपने घरों और आसपास के लोगों को समय-समय पर इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जानकारी देते रहना चाहिए। 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का मुख्य उद्देश्य युवाओं और नाबालिगों को तम्बाकू के पारंपरिक उत्पाद व समय के साथ आए नए उत्पादों से बचाना है। तंबाकू के उपयोग को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, ई-सिगरेट और अन्य नए तंबाकू और निकोटीन उत्पादों का उभरना युवाओं और तंबाकू नियंत्रण के लिए गंभीर खतरा प्रस्तुत करता है। अध्ययन बताते हैं कि ई-सिगरेट का उपयोग पारंपरिक सिगरेट के उपयोग को लगभग तीन गुना बढ़ा देता है, विशेष रूप से उन युवाओं में जो पहले सिगरेट नहीं पीते थे। हम सरकारों से आग्रह करते हैं कि वे युवाओं को तंबाकू, ई-सिगरेट और अन्य निकोटीन उत्पादों के उपयोग से बचाने के लिए इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाएं या सख्ती से नियंत्रित करें। साथ ही युवाओं को तम्बाकू के पारंपरिक उत्पाद या अन्य तम्बाकू उत्पाद जैसे इलेक्ट्रॉनिक हुक्का या ई-सिगरेट से दूर रहे और इसका उपभोग ना करने का प्रण लें।

एसआरकेपीएस के शिवम ने बताया कि किसी भी चीज का अति प्रयोग नशा है और नशे के कई स्वरूप हैं, जो विनाश की जड़ हैं। आजकल नवयुवकों में इसका फैशन तेजी से बढ़ रहा है। हमारे नवयुवकों की ऊर्जा रचनात्मक और नव-उत्थान के कार्यों में लगानी चाहिए। कार्यशाला में युवाओं से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि हमें जीवन में नशा नहीं करना चाहिए और इसके लिए संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को नशा मुक्ति के लिए शपथ दिलाई गई।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

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