परिवार और समाज के एक बड़े हिस्से पर विनाशकारी प्रभाव डालता है नशे का व्यसनी व्यक्ति : राज्यपाल
बीकानेर, 7 जून (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को बीकानेर में कहा कि युवाओं में नशे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। नशे का व्यसनी व्यक्ति, परिवार और समाज के एक बड़े हिस्से पर विनाशकारी प्रभाव डालता है, इसलिए जरूरी है कि ‘नशा मुक्त समाज’ के लिए वृहद स्तर पर पहल हो।
राज्यपाल राजकीय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय सभागार में इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी और पुलिस रेंज बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान् में आयोजित संवाद ‘नशे के विरूद्ध अभियान में समाज की भूमिका’ को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में अतिरिक्त कलेक्टर (नगर) उम्मेद सिंह रतनू, सरदार पटेल मेडिकल काॅलेज के डॉ. श्रीगोपाल, अनूपगढ़ के डॉ. विजय चोरड़िया एवं डॉ. रविकांत गोयल, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) हरिशंकर आचार्य, रंगकर्मी मोहम्मद रफीक पठान एवं रामकेश मीणा, श्रीगंगानगर के रामविलास, बीकानेर के जय खत्री, अनूपगढ़ के कालूराम, हनुमानगढ़ के हरीश, सुनील कुमार एवं वसीम, हनुमानगढ़ के रामेश्वर मेघवाल, सुरेंद्र धारणिया, जैन पब्लिक स्कूल के प्राचार्य, श्रीगंगानगर के विक्रम ज्याणी, यूथ अगेंस्ट इलिटरेसी के यश बिनावरा, रोट्रेक्ट क्लब मरुधरा के पूर्व डीआरआर सुरेन्द्र जोशी, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के गजेंद्र सिंह, विजय कुमार श्रीमाली, मोहम्मद सलीम और नगर विकास न्यास सचिव सुभाष कुमार का सम्मान किया गया।
राज्यपाल ने नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के प्रति चिंता जताते हुए कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार देश में 60 मिलयिन से अधिक लोग नशीली दवाइयों के उपयोग करते हैं। इनमें बड़ी संख्या में 10 से 17 वर्ष के किशोर शामिल हैं। यह आंकड़े डराने वाले हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी द्वारा रखा गया संवाद मादक पदार्थों के सेवन से मुक्त स्थाई समाज के लक्ष्य प्राप्ति की ओर अभिनव पहल साबित होगा।
उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति जैसे अभियानों में पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। छोटे-मोटे अपराधों में पुलिस के समक्ष ऐसे अपराधी आते होंगे, जिन्होंने नशे की आदत के कारण अपराध का रास्ता अपनाया हो। ऐसे लोगों की पहचान कर, उन्हें अपराध से दूर रखने, नशे की प्रवृत्ति से बचाने की दिशा में पुलिस की भागीदारी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
राज्यपाल ने आह्वान किया कि रेडक्राॅस के जरिए नशे के आदी व्यक्तियों के लिए एकीकृत पुनर्वास केन्द्र अधिक से अधिक संख्या में स्थापित हों। नशा मुक्ति केन्द्रों में नशीली दवाओं पर निर्भर व्यक्तियों के लिए परामर्श एवं उपचार सुविधाएं विकसित की जाएं। इनके लिए रेफरल और लिंकेज प्रदान करने के साथ स्क्रीनिंग, मूल्यांकन और परामर्श की सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
उन्होंने कहा कि इस अभियान में समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। समाज ऐसे अभियानों से जुड़ेगा, तभी कुछ सार्थक परिणाम आ सकेंगे । उन्होंने समारोह में सम्मानित हुई प्रतिभाओं को शुभकामनाएं दी और कहा कि इनकी नशा उन्मूलन की पहल से प्रेरणा लेकर और लोग भी नशामुक्ति अभियान से जुड़ेंगे।
राज्यपाल ने रेंज पुलिस द्वारा नशे की रोकथाम के लिए किए गए ‘पुलिस पब्लिक पंचायत, पुलिस विद्यार्थी चौपाल, ऑपरेशन सीमा और स्टूडेंट्स अगेंस्ट ड्रग्स जैसे नवाचारों की सराहना की और कहा कि अंतरराष्ट्रीय और अंतर राज्यीय सीमाओं से जुड़े होने के कारण रेंज की चुनौतियां अतिरिक्त हैं। पुलिस द्वारा बीएसएफ, इंटेलीजेंस, प्रशासन और आमजन की भागीदारी से चलाया जा रहा अभियान सराहनीय है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप
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