'कामयाब कोटा' अभियान में जिला कलक्टर ले रहे हैं क्लास

'कामयाब कोटा' अभियान में जिला कलक्टर ले रहे हैं क्लास
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'कामयाब कोटा' अभियान में जिला कलक्टर ले रहे हैं क्लास


कोटा, 6 जून (हि.स.)। जिला कलक्टर डॉ.रविंद्र गोस्वामी इन दिनों ‘कामयाब कोटा’ मिशन के तहत कोचिंग संस्थानों में पहुंचकर शिक्षक के रूप में स्वयं मोटिवेशनल क्लास ले रहे हैं। वे कोचिंग विद्यार्थियों के साथ लाइव संवाद करते हुये अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। बुधवार शाम मोशन एजुकेशन के द्रोणा कैम्पस में एक विशेष सत्र में उन्होंने कहा कि परिश्रम और पुरुषार्थ में विश्वास रखें। इस उम्र में मन लगाकर मेहनत करते रहें। मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है। ‘कामयाब कोटा’ अभियान के तहत जिला प्रशासन ने कोचिंग स्टूडेंट्स को तनाव से बाहर लाने, उनका मनोरंजन करने और समस्याओं का समाधान करते हुये उन्हें एक खुशनुमा माहौल देने के कई प्रयास किए हैं।

डॉ.गोस्वामी ने कहा कि जीवन का लक्ष्य केवल कोई परीक्षा पास करना ही नहीं है। परीक्षा में क्वालिफाई करना या अच्छी नौकरी पाना माध्यम हो सकते हैं, लेकिन लक्ष्य नहीं। कई आईआईटीयन बड़ी नौकरियां पाकर भी संतुष्टि के लिये सब कुछ छोड़कर आ जाते हैं। दरअसल कामयाबी जीवन का एक पड़ाव है, यह मंजिल नहीं। जीवन मे हमेशा कुछ बेहतर करने और पाने की गुंजाइश बनाये रखें।

एक सवाल पर जिला कलक्टर ने कहा कि कोचिंग क्लास से सवाल को साथ लेकर घर नहीं जाएं। एक अध्ययन के अनुसार, 50 प्रतिशत छात्र अंतर्मुखी होते हैं। उन्हें क्लास में सवाल पूछने में झिझक होती है। इसे दूर करना होगा। एक छात्र ने पूछा कि पढ़ाई के बाद भी उसमें आत्मविश्वास नहीं आ पाता है। अपनी तैयारी पर शंका बनी रहती है। इस पर कलक्टर ने कहा कि इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। आप स्वयं की कमियों को पहचाने और मोबाइल से दूर रहें। लिख-लिख कर पढ़ाई करें, डायग्राम बनाकर याद रखने की विभिन्न ट्रिक्स के माध्यम से स्मार्ट रणनीति बनाकर याद करें। सत्र में मोशन के ज्वाइंट डायरेक्टर रामरतन द्विवेदी और डिप्टी डायरेक्टर निखिल श्रीवास्तव और अन्य सीनियर फेकल्टी मौजूद रहे।

परीक्षा में सिली मिस्टेक से ऐसे बचें-

परीक्षा में होने वाली सिली मिस्टेक्स से कैसे बचें, इस पर कलक्टर ने कहा कि परीक्षा में सिली मिस्टेक्स सब करते हैं। इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस, रिवीजन और पुरानी गलतियों को न दोहराने की इच्छा जरूरी है। जो टॉपिक मुश्किल लगता है, उसके टेस्ट जरूर दें ताकि गलतियों से सीखा जा सके। कलक्टर ने कहा कि रात में सोने से पहले दिन में किए काम और पढ़ाई के बारे में सोचें और आत्ममंथन करें। कोशिश करें अगले दिन कोई गलती न दोहराएं। पीयर ग्रुप में प्रेशर आना सामान्य बात है। याद रखें, हर छात्र की अपनी क्षमता और खूबियां होती हैं, इसलिए अपनी तुलना सिर्फ खुद से ही करे, दूसरे से नहीं।

हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/संदीप

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