मुख्यमंत्री की पहल से दिव्यांगजनों को मिली नई उड़ान

-यूडीआईडी कार्ड से बढ़ी पहुंच और सशक्तीकरण, योजनाओं का मिल रहा व्यापक लाभ
जोधपुर, 08 अप्रैल (हि.स.)। दिव्यांगता कोई बाधा नहीं, बल्कि नए अवसरों की शुरुआत है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की यही संवेदनशील सोच आज प्रदेश के दिव्यांगजनों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है। इसी सोच को मजबूती प्रदान कर रहा है भारत सरकार का स्वावलंबन पोर्टल, जो प्रदेश के पात्र दिव्यांगजनों की पहचान का सशक्त माध्यम बन गया है।
प्रदेश के सभी पात्र दिव्यांगजन स्वावलंबन पोर्टल के माध्यम से विशेष दिव्यांगता प्रमाण पत्र (यूडीआईडी) के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पात्रता के अनुसार प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें विशेष योग्यजन की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है। इस पोर्टल के माध्यम से दिव्यांगजन राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, सुखद दाम्पत्य विवाह अनुदान योजना, मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार ऋण योजना, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटी योजना, संयुक्त सहायता कृत्रिम अंग या उपकरण योजना, विशेष योग्यजन चिन्हीकरण योजना, विशेष योग्यजन राज्य स्तरीय पुरस्कार योजना का लाभ उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विभाग द्वारा विशेष कैंप आयोजित कर दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हाल ही में विभाग ने चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए कि कोई भी पात्र दिव्यांगजन यूडीआईडी कार्ड सुविधा से वंचित न रहे।
पहले यूडीआईडी कार्ड बनवाने की प्रक्रिया ऑफलाइन थी, लेकिन अब भारत सरकार के निर्देशानुसार स्वावलंबन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य कर दिया गया है। आवेदक को पहले पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा, फिर लॉगिन के बाद वे यूडीआईडी कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, वे अपने आवेदन की स्थिति भी ट्रैक कर सकते हैं।
यूडीआईडी कार्ड के लाभ
यूडीआईडी कार्ड प्रत्येक दिव्यांगजन को एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करता है, जिससे उनका एक केंद्रीकृत और व्यक्तिगत रिकॉर्ड सुनिश्चित होता है। इसमें दिव्यांगता के प्रकार और स्तर की विस्तृत जानकारी होती है, जिससे सरकारी व गैर-सरकारी सेवाओं तक पहुंच आसान हो जाती है। यह कार्ड एक मानकीकृत प्रमाणीकरण उपकरण के रूप में कार्य करता है, जो विभिन्न सेवाओं व लाभों की प्राप्ति में सहायक होता है। इसके माध्यम से दिव्यांगजनों को बार-बार दस्तावेज़ दिखाने की आवश्यकता नहीं रहती, क्योंकि कार्ड में आवश्यक सभी जानकारी समाहित होती है, जिसे डिजिटल रूप से पढ़ा जा सकता है। यूडीआईडी कार्ड समावेशी वातावरण और सशक्त दिव्यांग समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर, सरल सेवा उपलब्धता और सम्मानजनक जीवन की दिशा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतिबद्धता का सजीव उदाहरण है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश