दस साल में भी किसानों को पट्टे नहीं बांट पाया आवासन मंडल

दस साल में भी किसानों को पट्टे नहीं बांट पाया आवासन मंडल
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दस साल में भी किसानों को पट्टे नहीं बांट पाया आवासन मंडल


जयपुर, 30 मई (हि.स.)। दांतली गांव में काटी जा रही इंदिरा गांधी विस्तार योजना को लेकर आवासन मंडल की धीमी प्रक्रिया से किसान और स्थानीय लोग परेशान है। आवासन मंडल ने 10 साल पहले भूमि अवाप्ति को लेकर अवार्ड जारी किया था, लेकिन अभी तक आवासन मंडल सभी किसानों या भू मालिकों को अधिग्रहित जमीन के बदले मुआवजा या जमीन के पट्टे जारी कर पाया है। ऐसे में किसान या भू मालिक इस पसोपेश में है कि वे जमीन पर खेती करें या उन्हें अपने परिवार की जरुरत के हिसाब से उस आवास बनाए तो कहां बनाए। खेती के लिए अगर किसान ट्यूबवेल या कुआ खुदवाता है तो जमीन के पट्टे जारी होते ही इसमें लगाए गए रुपए व्यर्थ चले जाएंगे। इस मामले को लेकर आवासन मंडल के अधिकारी भी काश्तकार या भू मालिक को स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे है। आखिर कब तक किसानों को पट्टे जारी कर इस पर विकास कार्य करवाएं जाएंगे।

स्थानीय काश्तकारों का कहना है कि अगर आवासन मंडल यह योजना नहीं लाना चाहता तो अवार्ड को समाप्त कर इसका आदेश जारी कर दे ताकि वे अपनी जमीन का उपयोग अपने हिसाब से कर सके।

दो साल से नहीं हो पाई भूमि समझौता समिति की बैठक

आवासन मंडल के आरई 13 जे सी गोधा ने बताया कि पिछले दो साल से आवासन मंडल में भूमि समझौता समिति की बैठक नहीं हो पाई है। इस कारण किसानों को पट्टे जारी नहीं हो पा रहे है। बड़ी संख्या में काश्तकारों और भू मालिकों ने पट्टों के लिए आवासन मंडल में आवेदन कर रखा है, लेकिन बिना भूमि समझौता समिति की बैठक के उन्हें पट्टे जारी नहीं किए जा रहे है। एलएनसी की आखिरी बैठक मई 2022 में हुई थी। इसके बाद से अब तक बैठक नहीं बुलाई गई। विशेष बात यह है कि भूमि अवाप्ति के लिए आवासन मंडल ने 4 जून 2014 में अवार्ड जारी किया था। तब से लेकर अब तक पिछले 10 साल में आवासन मंडल सिर्फ 500 से अधिक पट्टे ही जारी कर पाया है। वर्तमान में 60 से अधिक फाइल पट्टों की स्वीकृति के लिए भेजी गई है।

सड़कों के लिए सालभर पहले ही कर दिया था टेंडर, नहीं शुरू हो पाया काम

आवासन मंडल ने इंदिरा गांधी विस्तार में सड़के बनाने के लिए साल भर पहले टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर ली थी। फर्म को कार्यदेश भी जारी कर दिया गया है। फर्म ने जब मौके पर काम चालू किया तो उसे काश्तकारों और भू मालिकों के विरोध का सामना करना पड़ा। काश्तकारों ने यह कहते हुए काम चालू नहीं करने दिया कि जब तक सभी किसानों को पट्टे नहीं मिल जाते तब तक काम शुरू नहीं होगा। आवासन मंडल पट्टा जारी करने सहित अन्य प्रक्रियाओं में लगातार देरी कर रहा है,इसका खामियाजा आवासन मंडल के साथ आमजन को भी भुगतना पड़ रहा है।

बढ़ जाएगा प्रोजेक्ट का खर्च

आवासन मंडल की ढुलमुल नीति के चलते इंदिरा गांधी नगर विस्तार योजना का काम शुरू नहीं हो पाया है। लगातार देरी के चलते इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट में इजाफा हो जा रहा है। जो कि आवासन मंडल के साथ खरीददारों पर भी भारी पड़ेगी। राज्य सरकार के साथ आवासन मंडल को इस प्रोजेक्ट की ओर ध्यान देने की जरुरत है।

आवासन मंडल ने रिवाइज किया प्लान

इंदिरा गांधी नगर विस्तार को लेकर पूर्व में तैयार प्लान और नक्शे में आवासन मंडल बदलाव करने जा रहा है। आवासन मंडल की इंदिरा गांधी नगर विस्तार को आधुनिक शहर के रुप में बसाने की योजना है। 314.4 हैक्टेयर भूमि पर बसाई जा रही इंदिरा गांधी नगर विस्तार में मल्टीस्टोरी भवन बनेंगे। खातेदारों को निजी प्लाट दिए जाएंगे। इसके अलावा ईकोलॉजीकल एरिए में आवासन मंडल बस स्टेण्ड और स्टेडियन का निर्माण करवाएगा। प्लान को स्वीकृति मिलने के बाद इंदिरा गांधी नगर विस्तार का काम नए सिरे से शुरू करने की योजना है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश मीणा/ईश्वर

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