पुलिस थाने तक पहुंचा पूर्व राजघराने की प्रॉपर्टी का विवाद

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पुलिस थाने तक पहुंचा पूर्व राजघराने की प्रॉपर्टी का विवाद


बीकानेर, 4 जनवरी (हि.स.)। पूर्व राजघराने की प्रॉपर्टी का विवाद अब पुलिस थाने तक पहुंच गया है। पूर्व क्षेत्र से भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी ने अपनी बुआ और पूर्व महाराजा करणी सिंह की बेटी राज्यश्री पर धोखाधड़ी और गलत तथ्य पेश करने का आरोप लगाया है। एफआईआर में कांग्रेस नेता ऋतु चौधरी समेत तीन अन्य के भी नाम है। दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धि कुमारी की ओर से दिए एफिडेविट के बाद उनकी बुआ और पूर्व राजपरिवार की सदस्य राज्यश्री ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। इसके बाद ये विवाद गहराता गया और अब सिद्धि कुमारी ने बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम को परिवाद पेश किया। इसके बाद बुधवार को सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

एसपी को दिए परिवाद में सिद्धि कुमारी ने अपनी बुआ राज्यश्री कुमारी पत्नी मयूर ध्वज गोहिल के साथ उनके निजी सहायक राजेश पुरोहित निवासी मुरलीधर व्यास कॉलोनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। एफआईआर में तीन अन्य गौरव बिन्नाणी, पुखराज और कांग्रेस नेता ऋतु चौधरी के नाम भी है। ऋतु चौधरी विधानसभा चुनाव के दौरान बीकानेर की प्रभारी थी। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत कर जांच की मांग की थी।

एफआईआर में बताया- उनकी संपत्ति को हड़पने के लिए राज्यश्री कुमारी, राजेश पुरोहित, गौरव बिन्नाणी, पुखराज और ऋतु चौधरी ने मिलकर धोखाधड़ी करते हुए फर्जी और गलत तरीके से दस्तावेज तैयार किए। कई जगह झूठे और गलत तथ्य भी पेश किए गए। मामले की जांच सदर थाने के एसआई महेंद्र सिंह को सौंपी गई है।

बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि एमएलए सिद्धि कुमारी के सहयोगी संजय कुमार ने परिवाद दिया था, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है।

प्राचीना का उपयोग गलत बताया

विधानसभा चुनाव के दौरान नवंबर महीने में विधायक सिद्धि कुमारी की बुआ और राज्यश्री ने चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराई थी कि सिद्धि कुमारी ने गलत तथ्य पेश करते हुए संपत्ति का ब्योरा दिया है। इस शिकायत में राज्यश्री ने कहा कि एफिडेविट में कुछ तथ्यों को सिद्धि कुमारी ने छिपाया है, वहीं कुछ संपत्तियां विवादित है। राज्यश्री कुमारी ने इस शिकायत में कहा था कि जूनागढ़ परिसर में प्राचीना नाम से जिस म्यूजियम का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है, वो रिहायशी है और इसका व्यवसायिक उपयोग गलत हो रहा है। इसका एक मामला भी अपर जिला न्यायाधीश संख्या छह में लंबित है। राज्यश्री ने इस संपत्ति में अपना चौथाई हिस्सा होने का दावा किया था।

माउंट आबू और करणी भवन पर भी आपत्ति

राज्यश्री ने तब अपनी शिकायत में माउंट आबू में बताई गई संपत्ति पर भी आपत्ति जताई थी। करणी भवन को रिहायशी बताया गया है, जबकि वहां होटल संचालित हो रहा है। व्यवसायिक उपयोग में आ रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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