लम्बित वीसीआर के 18220 मामलों का निस्तारण, उपभोक्ताओं को 25 करोड़ की रियायत

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लम्बित वीसीआर के 18220 मामलों का निस्तारण, उपभोक्ताओं को 25 करोड़ की रियायत


जयपुर, 26 मई (हि.स.)। बिजली चोरी के मामलों में 31 दिसम्बर, 2022 तक या पूर्व में भरी गई वीसीआर के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए लागू की गई एमनेस्टी योजना के तहत 30 अप्रेल, 2023 तक 18220 प्रकरणों का निपटारा किया गया है। इससे निगम को 14 करोड़ 72 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है और उपभोक्ताओं को 25 करोड़ 8 लाख रुपये की रियायत प्रदान की गई। इस योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता 30 सितम्बर, 2023 तक सम्बन्धित सहायक अभियन्ता कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक आर.एन.कुमावत ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 31 दिसम्बर, 2022 तक या पूर्व की वीसीआर के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए एमनेस्टी योजना की घोषणा की थी। इसकी अनुपालना में जयपुर डिस्काॅम द्वारा 3 मार्च से 30 सितम्बर, 2023 तक की अवधि के लिए यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत 1 लाख रुपए तक की सिविल लायबिलिटि की राशि का 40 प्रतिशत व प्रशमन राशि का 25 प्रतिशत जमा करवाकर प्रकरण का निस्तारण कर दिया जाएगा। जिन प्रकरणों में 1 लाख रुपए से अधिक सिविल लायबिलिटि की राशि है वहां 1 लाख रुपए का 40 प्रतिशत व 1 लाख से अधिक की सिविल लायबिलिटि की राशि का 10 प्रतिशत और प्रशमन राशि 25 प्रतिशत जमा करवाने पर वीसीआर का निस्तारण कर दिया जाएगा। योजना के अन्तर्गत लम्बित वीसीआर के अंतिम निस्तारण के लिए सब-डिवीजन के सहायक अभियन्ता को अधिकृत किया गया है।

प्रबन्ध निदेशक कुमावत ने बताया कि एमनेस्टी योजना के तहत अलवर सर्किल में 3885, जयपुर जिला वृत में 1917, दौसा सर्किल में 1231, टोंक सर्किल में 1348, जयपुर शहर वृत में 176, झालावाड सर्किल में 792, कोटा सर्किल में 1180, बांरा सर्किल में 1055, बूंदी सर्किल में 1043, सवाईमाधोपुर सर्किल में 1001, धौलपुर सर्किल में 1372, करौली सर्किल में 866 तथा भरतपुर सर्किल में 2354 मामलों का निस्तारण एमनेस्टी योजना के तहत किया है। उपभोक्ताओं पर अनावश्यक वित्तीय भार ना पडें इसके लिए 6 समान मासिक ब्याज मुक्त किश्तों में वीसीआर की निर्धारित राशि का भुगतान किया जा सकता है लेकिन गैर-उपभोक्ताओं के मामलों में वीसीआर की निर्धारित राशि एकमुश्त ही जमा करानी होगी।

ऐसे मामले जिनमें उपभोक्ता व गैर-उपभोक्ताओं ने वीसीआर के विरूद्ध़ न्यायालय में मुकदमा दायर किया हुआ है एवं इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक है तो उन उपभोक्ता व गैर-उपभोक्ताओं को पहले अदालती मामला वापस लेने का शपथ पत्र पेश करना हेगा। इसके साथ ही ऐसे प्रकरण जिन पर निर्णय पहले से ही लिया जा चुका है लेकिन निर्धारण राशि पूर्ण रूप से जमा नही हुई है ऐसे प्रकरणों को भी इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा परन्तु पहले से जमा की गई राशि वापस नही होगी। बिजली चोरी के प्रकरणों में भरी गई वीसीआर, जिनमें उपभोक्ता अथवा गैर-उपभोक्ता के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिया है ऐसे प्रकरणों का इस योजना के तहत निस्तारण नहीं किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

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