मचकुंड स्थित गुरुद्वारा दाताबंदी छोड में हुआ सालाना जोड कार्यक्रम

मचकुंड स्थित गुरुद्वारा दाताबंदी छोड में हुआ सालाना जोड कार्यक्रम
WhatsApp Channel Join Now
मचकुंड स्थित गुरुद्वारा दाताबंदी छोड में हुआ सालाना जोड कार्यक्रम


धौलपुर , 6 मार्च (हि.स.)। धौलपुर के तीर्थराज मचकुंड सरोवर स्थित प्राचीन गुरुद्वारा शेर शिकार दाताबंदी छोड में सालाना जोड मेला बुधवार को संपन्न हो गया। तीन दिन तक चलने वाले मेले में कई धार्मिक आयोजन संपन्न हुए। जोड मेले में आए श्रद्वालुओं ने सिखों के छठे गुरु हरगोविन्द सिंह महाराज का भावपूर्ण स्मरण किया।

प्राचीन गुरुद्वारा शेर शिकार दताबंदी छोड में प्रसिद्व सालाना जोड मेला सोमवार को परंपरागत तरीके से शुरू हुआ था। मेले के दौरान अरदास तथा अखंड पाठ का आयोजन हुआ। आयोजन के बाद में श्रद्वालुओं ने अटूट लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। इससे पूर्व सालाना जोड मेले में देश के विभिन्न गुरुद्वारों से आई संगत तथा रागी जत्थों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। गुरुद्वारा शेर शिकार दाताबंदी छोड के प्रमुख संत ठाकुर सिंह घोडेवालों ने बताया कि 4 मार्च 1612 को गुरू हरगोविन्द सिंह महाराज धौलपुर आए थे। ग्वालियर जाते समय गुरुजी मचकुंड सरोवर में रुके। लोगों के कहने पर उन्होंने 5 मार्च को यहां पर एक शेर का शिकार करके उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। बाद में 6 मार्च को गुरुजी ग्वालियर पंहुचे तथा वहां मुगलों द्वारा किले में बंदी बनाए गए हिन्दू राजाओं को मुक्त कराया। उन्हीं की याद में तीर्थराज मचकुंड सरोवर क्षेत्र में गुरुद्वारा शेर शिकार दताबंदी छोड स्थापित है तथा उनकी स्मृति में सालाना जोड मेला आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि तीन दिन तक चले आयोजन में अरदास, अखण्ड पाठ,शबद कीर्तन तथा लंगर के कार्यक्रम हुए। सलाना जोड मेले में धौलपुर के अलावा जयपुर, आगरा, ग्वालियर, भरतपुर, दिल्ली, चंडीगढ समेत अन्य इलाकों से श्रद्वालुओं ने शिरकत की।

हिन्दुस्थान समाचार/ प्रदीप/ईश्वर

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story