राज विस चुनाव : मरुधरा की राजनीति में हमेशा रहा धौलपुर का दबदबा
धौलपुर, 5 नवंबर (हि.स.)। चंबल के बागी, बीहड़, बजरी और बंदूक के लिए कुख्यात पूर्वी राजस्थान के धौलपुर जिले की एक सकारात्मक पहचान यहां की राजनीति को लेकर भी है। प्राचीन धौलपुर रियासत से लेकर वर्तमान लोकतांत्रिक शासन पद्धति की चुनावी राजनीति में धौलपुर के दिग्गजों का दबदबा सूबे की राजनीति में रहा है। रियासतकाल में धौलपुर रियासत के राजा उदयभान सिंह जहां मतस्य संघ के प्रमुख बने, वहीं भैंरोसिंह शेखावत एवं वसुधंरा राजे प्रदेश की सीएम बनीं।
राजस्थान की राजनीति से देश के उप राष्ट्रपति बनने वाले भैरों सिंह शेखावत से लेकर दो बार राजस्थान की बागडोर मुख्यमंत्री के रूप में संभालने वाली धौलपुर रियासत की बहू वसुंधरा राजे की राजनीति भी धौलपुर से ही परवान चढ़ी है। धौलपुर के राजनीतिक इतिहास की बात करें, तो पूर्वी राजस्थान की धौलपुर रियासत की स्थापना 1806 ईसवी में जाट शासक राणा कीरत सिंह ने की। इसके बाद में कालान्तर में राणा भगवंत सिंह, राणा निहाल सिंह एवं राणा रामसिंह के बाद में अंतिम शासक राणा उदयभान सिंह रहे। राजस्थान के एकीकरण के प्रथम चरण में 18 मार्च 1948 को धौलपुर,भरतपुर,करौली तथा अलवर जिलों को मिलाकर मतस्य संघ की स्थापना की गई। धौलपुर नरेश राणा उदयभान सिंह को तब भी मतस्य संघ का राज प्रमुख बनाया गया। बाद में भरतपुर जिले के अधीन आने वाले धौलपुर को 15 अप्रेल 1982 को भरतपुर से अलग किया गया,जिसके बाद में धौलपुर को राजस्थान के 27 वें जिले के रुप में मान्यता मिली। इसके बाद में विधानसभा चुनावों में भी धौलपुर का दबदबा देखने को मिला।
विधानसभाई चुनावी इतिहास पर गौर करें, तो धौलपुर राजघराने की बहू वसुंधरा राजे ने वर्ष 1985 में धौलपुर से ही अपने सफल राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे ने धौलपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में धौलपुर के अवाम ने धौलपुर राज परिवार की बहू वसुंधरा राजे के स्वागत और समर्थन में पलक पांवडे बिछा दिए और और उन्हें ऐतिहासिक जीत दिलाई। इस चुनाव में वसुंधरा राजे को कुल 49 हजार 174 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को कुल 26 हजार 494 वोट ही मिले। इसके बाद में राजे ने दो बार राजस्थान की बागडोर मुख्यमंत्री के रूप में संभाली।
इसके बाद साल 1990 के चुनाव में फिर बीजेपी ने पार्टी के दिग्गज भैरों सिंह शेखावत को धौलपुर विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बनाया। इसमें भैरो सिंह शेखावत ने जीत दर्ज की और राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। शेखावत ने इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को हराया। इस चुनावी गणित में मतों का भारी अंतर देखने को मिला। इस चुनाव में भैरो सिंह शेखावत को कुल 50 हजार 243 वोट मिले,जबकि दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा को 36 हजार 651 वोट ही मिल सके। शेखावत इसके बाद में सीएम बनने के साथ ही देश के उप राष्ट्रपति के आसन तक पंहुचे थे।
प्रदेश में 16 वीं विधानसभा के गठन के लिए होने जा रहे विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है तथा राजनीति के सूरमा चुनावी समर में उतर चुके हैं। इस चुनाव में भी धौलपुर और भरतपुर संभाग से लेकर समूचे प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता के चलते धौलपुर का राजनीतिक दबदबा एक बार फिर से चर्चा में है। इस बात की भी पूरी संभावना है कि पूर्व मुख्यमंत्री राजे संभवत: इस बार भी सूबे की राजनीति में अपना दबदबा कायम रखें। हाल के दिनों में पार्टी आलाकमान से टिकिट वितरण में अपनी बात मनवा कर फार्म में वापस लौटीं राजे पर कम से कम भाजपा और समर्थकों को राजनीतिक दबदबे को बरकारा रखने का पूरा भरोसा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ प्रदीप/ईश्वर
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