धारीवाल ने विधानसभा में कहे अपशब्द, सभापति काे किया अनसुना
जयपुर, 26 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार काे कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल अपने ही रंग में नजर आए। नगरीय विकास-आवासन और स्वायत्त शासन विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान धारीवाल ने ना केवल अपशब्दाें का प्रयाेग किया बल्कि सभापति के टोकने पर बोले कि उन्हें कोटा में रहना है कि नहीं।
विधानसभा में शुक्रवार को अनुदान मांगों के दौरान धारीवाल ने कांग्रेस राज के दौरान गड़बड़ियों पर लगे आरोपों पर पलटवार करते हुए अपशब्द का इस्तेमाल किया। उसके बाद उन्होंने फर्जी पट्टे जारी करने के मामले में भी अपशब्द कहे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने गड़बड़ी की है, उन्हें पकड़ो और सस्पेंड करो। इसके बाद बोलने के लिए अधिक समय को लेकर सभापति संदीप शर्मा ने उन्हें टोका। उन्होंने समय की दुहाई देकर शांति धारीवाल को अपना वक्तव्य खत्म करने को कहा। इस पर धारीवाल ने पांच मिनट और मांगे। उन्होंने इसमें यह कहते हुए असमर्थता जताई कि आज बोलने वाले सदस्यों की सूची लंबी है। इस पर शांति धारीवाल ने अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए सभापति संदीप शर्मा से कहा कि कोटा के हो, कोटा में रहना है कि नहीं। हालांकि, इस दौरान शांति धारीवाल और सभापति संदीप शर्मा दोनों आपस में मुस्कुराते हुए बात करते नजर आए। इस बीच जब भाजपा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने धारीवाल के अपशब्द पर आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि कृपलानी जी, आप तो मेरे मित्र हो, एक बार गलती से मंत्री बन गए थे, आप जानकारी हासिल नहीं कर पाए थे। अब मैं जो बोल रहा हूं, अपना ज्ञान बढ़ाओ। अधिक समय हाेने पर सभापति द्वारा चर्चा के लिए भाजपा विधायक काली चरण सराफ का नाम पुकार लिया। इसके बावजूद करीब पांच मिनट तक धारीवाल बाेलते रहे।
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है, जब सदन में शांति धारीवाल की भाषा पर सवाल खड़े हुए हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में शांति धारीवाल मंत्री थे, उस समय सदन में कानून व्यवस्था पर चर्चा के दौरान महिलाओं से दुष्कर्म का मामला उठा था, उस पर धारीवाल ने कहा था कि राजस्थान में दुष्कर्म के मामले ज्यादा इसलिए सामने आते हैं, क्योंकि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। इस बयान को लेकर शांति धारीवाल की काफी आलोचना भी हुई थी।
हिन्दुस्थान समाचार / संदीप / ईश्वर
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