सांसद किरोड़ी मीणा ने इस्तीफा देने से पहले गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग संसद में उठाई
जयपुर, 6 दिसंबर (हि.स.)। सांसद डॉ किरोड़ी लाल ने राज्यसभा में इस्तीफा देने से पहले गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग संसद में उठाई। उन्होंने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय संस्कृति में गाय को पूजा जाता है। यह समय की मांग है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए।
डॉ. मीना ने कहा की हम जानते हैं कि जब किसी देश की संस्कृति और उसकी आस्था को ठेस पहुंचती है, तो देश कमजोर होता है। चाणक्य ने अर्थशास्त्र में लिखा है कि किसी देश को नष्ट करना है, तो पहले उसकी संस्कृति नष्ट कर दो, देश स्वतः ही नष्ट हो जाएगा। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर बहुतायात राज्यों में गौहत्या प्रतिबंधित है। सनातन धर्म में गाय को माता मानकर पूजा जाता है। गाय हिन्दू संस्कृति का मजबूत प्रतीक एवं आस्था का केन्द्र है, इसलिए जब कोई भी गौहत्या कर देता है, तो सामाजिक सौहार्द बिगड़ जाता है।
गाय का मांस खाना किसी भी प्रकार से किसी का मौलिक अधिकार नहीं हो सकता, बल्कि जो लोग गाय की पूजा करते हैं, गाय की रक्षा करना उनका परम कर्तव्य है। लोग आर्थिक रूप से भी गाय पर निर्भर है। गौरक्षा किसी धर्म से जुड़ा विषय नहीं है। मुस्लिम शासकों ने भी गाय को भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना है। बाबर, हुमायूं और अकबर सहित कम से कम पांच मुस्लिम शासकों ने गौहत्या पर प्रतिबंध लगाया था। अतः सरकार से माँग है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर
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