जेएनवीयू में राज्य सरकार के माध्यम से पेंशन देने की मांग

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जेएनवीयू में राज्य सरकार के माध्यम से पेंशन देने की मांग


जोधपुर, 05 फरवरी (हि.स.)। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय पेंशनर्स सोसायटी और सेवानिवृत्त कर्मचारी संघर्ष समिति ने राजस्थान के राज्य वित पोषित कृषि विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत कार्मिकों की पेंशन का भार राज्य सरकार द्वारा वहन करने की मांग की है।

पेंशनर्स सोसायटी और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राज्य के कृषि शिक्षा, अनुसंधान व प्रसार के लिए पांच कृषि विश्वविद्यालय कार्यरत है। यह सभी राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित किए गए है। स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर की स्थापना राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1987 में मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर से अलग कर की गई थी। वर्ष 2000 में राज्य सरकार ने स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर से मेवाड एवं हाडोती सभांग में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर एवं 2010 में पशु विज्ञान को अलग कर राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर की स्थापना की। कृषि के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान व प्रसार की प्रबल संभावनाओं को देखते हुये राजस्थान सरकार द्वारा विधान सभा में विधेयक लाकर उपरोक्त दोनों कृषि विश्वविद्यालयों बीकानेर और उदयपुर का क्षेत्राधिकार कम कर तीन नवीन कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर, जोबनेर एवं कोटा में स्थापना की गई। इस प्रकार अब 2013 से राजस्थान में पांच कृषि विश्वविद्यालय कार्यरत है।

राज्य सरकार के मंत्रिमंडल से अनुमोदित होकर 1990 में सरकार ने कृषि विश्वविद्यालयों में पेंशन योजना लागू की थी। कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर एवं उदयपुर अपने सेवानिवृत्त कार्मिको को 1990 से 2010 तक अपने पास उपलब्ध पेंशन फंड से पेंशन एवं पेंशन परिलाभों का भुगतान करते रहे है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

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