पूर्ववर्ती सरकार ने गत पांच साल में प्रदेश पर कर्ज का भार दोगुना किया
जयपुर, 23 जुलाई (हि.स.)। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजु बाघमार ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने गत पांच साल में प्रदेश पर कर्ज का भार दो गुना कर दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से 31 मार्च 2018 तक राज्य में कुल ऋण एवं अन्य देनदारियां 2 लाख 81 हजार 182 करोड़ रुपये था। पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2023-24 में यह ऋण भार दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 5 लाख 70 हजार 646 करोड़ रुपये हो गया।
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का वित्त मंत्री की ओर से जवाब दे रही थीं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 1951 से लेकर वर्ष 2017-18 तक 67 सालों के दौरान जितना कर्ज नहीं लिया गया, उससे ज्यादा पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले पांच साल में लेकर प्रदेश पर 2 लाख 89 हजार 464 करोड़ रुपये ऋण का भार बढ़ा दिया। इसके कारण राज्य सरकार के ब्याज भुगतान में भी अत्यधिक वृद्धि हुई है।
डॉ. बाघमार ने बताया कि वर्ष 2017-18 में ऋण जीएसडीपी अनुपात 33.77 प्रतिशत था, जो पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2023-24 में लगभग 4 प्रतिशत बढ़कर 37.44 प्रतिशत हो गया। वर्तमान सरकार द्वारा इस वर्ष बजट में ऋण जीएसडीपी अनुपात में कमी करते हुए इसे 35.97 प्रतिशत तक सीमित रखने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 के परिवर्तित अनुमानों के अनुसार कुल ऋण व दायित्व 6 लाख 40 हजार 687 करोड़ 27 लाख रुपये होना अनुमानित है। साथ ही एफआरबीएम अधिनियम 2005 के अनुसार इसे जीएसडीपी का 38.20 प्रतिशत तक लाया जाना वांछित है।
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए कृत संकल्पित है। इस वित्त वर्ष में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 27 हजार 660 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
इससे पहले विधायक संदीप शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में वर्ष के अंत में बकाया लोकऋण 233238.88 करोड़ रुपये था, जिसके लिए कुल 34677.47 करोड़ रुपये लोक ऋण व लोकऋण पर ब्याज के रूप में चुकाये गए। वर्ष 2019-20 के अंत में 259379.91 करोड़ रुपये लोकऋण के विरुद्ध कुल 39222.77 करोड़ रुपये चुकाए गए। वर्ष 2020-21 के अंत तक 308320.93 करोड़ रुपये का लोकऋण था, जिसके लिए कुल 61686.83 करोड़ रुपये की राशि लोकऋण व लोकऋण पर ब्याज के रूप में चुकाई गई।
इसी प्रकार वर्ष 2021-22 के अंत तक बकाया लोकऋण 353556.07 करोड़ रुपये था तथा कुल 79139.78 करोड़ रुपये लोकऋण तथा ब्याज चुकाया गया। वर्ष 2022-23 के अंत में 388383.87 करोड़ रुपये के लोकऋण के एवज में कुल 151056.57 करोड़ रुपये चुकाए गये। वर्ष 2023-24 (रिवाइज्ड एस्टीमेट) के अंत तक 443767.37 लोक ऋण था तथा लोकऋण व ब्याज की राशि के रूप में कुल 202195.77 करोड़ रुपये चुकाए गए। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने वर्ष 2017-18 से वर्ष 2023-24 तक शिक्षा, चिकित्सा, आवास एवं समाज कल्याण पर व्यय का वर्ष वार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने उक्त अवधि के दौरान प्रदेश में वेतन और भत्तों पर वर्षवार व्यय का विवरण भी सदन के पटल पर रखा।
हिन्दुस्थान समाचार / संदीप / पवन कुमार श्रीवास्तव
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