अपराध से मुंह मोड़ स्वावलंबी बने अपराधी, पुलिस कप्तान की अभिनव पहल
चित्तौड़गढ़, 25 दिसंबर (हि.स.)। चोरी व संपत्ति संबंधी अपराध नियंत्रण और अपराध जगत से विमुख होकर स्वावलंबन के जरिए समाज के मुख्य धारा में लाने की दिशा में जिला पुलिस के अभिनव प्रयोग ने न केवल चोरी व संपत्ति संबंधी अपराधों में कमी लाई है, बल्कि इसके समाज सुधार के क्षेत्र में भी नया आयाम दिखाई दे रहे हैं। जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने नव वर्ष पर लक्ष्य निर्धारित करते हुए इस प्रकार के अनूठे अभियान का शुभारंभ किया है, जिसके सकारात्मक नतीजे भी प्रारंभिक तौर में ही नजर आने लगे हैं।
पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने इस संबंध में जिले के समस्त थानों को निर्देशित किया। जिस पर संपत्ति संबंधी अपराधों में लिप्त तथा पूर्व में चालानशुदा अपराधियों को थानों पर बुलाकर समझाईश देकर एवं अपराध के दुष्परिणाम व स्वावलंबन के सुखद परिणाम से अवगत करवा कर उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी के साथ उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए नवजीवन की नई दिशा प्रारंभ करने के लिए आत्मनिर्भरता के लिए नए उद्यम व रोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस पहल के सार्थक परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं।
रावतभाटा थाना क्षेत्र के बाइक चोरी के मामले में अपराधी रहे रामलाल (बदला नाम) को जब पुलिस ने समझाईश देकर स्वावलंबन के लिए प्रेरित किया और प्रोत्साहित किया तो रामलाल ने बताया कि वह पत्थर चुरी का स्टॉक लगाकर व्यवसाय कर रहा है। उसके अलावा खेती-बाड़ी का काम करके सुखचैन से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है। उसने बताया कि वह चोरी या किसी भी अपराध से दूर है और अब उसे व्यवसाय व खेती में श्रम करके परिवार के साथ सुखी जीवन यापन करने में सुकून मिल रहा है।
पारसोली थाना क्षेत्र के ट्रैक्टर की ट्रॉली चोरी मामले में अपराधी रहे ओमप्रकाश (बदला नाम) को थाने पर बुलवाकर उसे समझाया गया तो उसने बताया कि वह खेती और मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है। उसने बताया कि गलती से उससे गुनाह हो गया, लेकिन पुलिस के नए रास्ते पर चलने की सलाह उसे अब अच्छी लग रही है। वह बिना किसी चिंता और भय के अपने परिवार के साथ मेहनत मजदूरी करके शांतिपूर्वक जीवन जी रहा है।
गंगरार थाना क्षेत्र के चोरी की बाइक खरीदने के मामले में लिप्त रहे ताराचंद (बदला नाम) को थाने पर समझाईश दी गई तो उसका कहना था कि लालचवश उससे भूल हो गई। वह अब जीवन में ऐसा अपराध नहीं करेगा। अब वह बाइक रिपेयरिंग के मैकेनिक का काम करके अपने परिवार की जीविका चला रहा है। इस काम में उसे अच्छी आमदनी हो जाती है। वह समाज में इज्जत के साथ जीना सीख चुका है।
इसी प्रकार जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में चोरी, लूट या अन्य संपत्ति संबंधी अपराधों में लिप्त रहे व्यक्तियों को अपराध नहीं करने की सलाह देकर पुलिस ने श्रम, व्यवसाय या अन्य रोजगार के साधन अपना कर आत्मनिर्भरता और सभ्य सामाजिक नागरिक बनने की प्रेरणा दी गई। इससे प्रेरित होकर उनमें से कई मेहनत, मजदूरी, खेती या अन्य संस्थाओं में नौकरी करके, तो कुछ स्वयं के रिपेयरिंग चाय व खान-पान सामग्री के गुमटी, ठेले लगा कर अपना जीवन यापन करने लगे हैं। इनसे बातचीत करने पर इन्होंने कभी चोरी जैसे तरीका नहीं अपने का संकल्प दोहराया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल

