सड़कों पर घूमते गौवंश दे रहे हादसों को जन्म, डेयरी संचालकों पर कार्रवाई से डर रहा निगम
जयपुर, 9 फ़रवरी (हि.स.)। राजधानी की सड़कें कैटल ग्रस्त हो चुकी है। रोजाना सड़कों पर घुमते मवेशियों की वजह से सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन दोनों निगमों की कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति का सिलसिला जारी है। दोनों निगम प्रशासन दावा कर रहा है कि शहर की सड़कों से रोजाना 50 से अधिक गौवंश और मवेशी पकड़कर गौशाला में भिजवाया जा रहा है, लेकिन सड़कों पर गौवंश की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। सड़कों पर घूम रहा गौवंश कई बार देशी-विदेशी पर्यटकों पर जानलेवा हमला भी कर चुके है। एक पर्यटक की मौत भी हो चुकी है। हाल ही में एक बीजेपी के पूर्व पार्षद पर भी गायों ने दो बार हमला कर दिया था। इसमें पहले उसका पैर और फिर हाथ टूट गया था।
इसके बाद पूर्व पार्षद विक्रम सिंह तंवर ने कई बार धरना भी दिया था। पार्षद ने बताया कि कागदीवाड़ा वार्ड नम्बर 10 में श्मशान घाट के पास रोजाना गौवंश का जमावड़ा लगा रहता है। इसके वजह से आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे है। श्मशान घाट में आने वाले लोगों को भी गौवंश कई बार हमला कर घायल कर चुके है। शिकायतों के बाद भी निगम प्रशासन कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति कर इतिश्री कर लेता है। तंवर का कहना है कि चौगान स्टेडियम के आस-पास बड़ी संख्या में डेयरियां चलती है। निगम के सभी अधिकारियों को यह बात पता है, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते इन पर कार्रवाई नहीं होती। गुरुवार को डेयरी पर कार्रवाई करने गए निगम प्रशासन पर डेयरी संचालकों ने हमला कर दिया था। इस सम्बंध मेें ब्रह्मपुरी थाने में मामला भी दर्ज हुआ है। इसमें चार लोगो को पकड़ भी गया है।
हैरिटेज पशु चिकित्सा अधिकारी महेश शर्मा का कहना है कि रोजाना एक डेयरी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। शहर से रोजाना सड़कों से 25 से 30 गौवंश पकड़ कर गौशाला में छोड़ते है। लेकिन गायों की संख्या सड़कों से कम नहीं हो रही है। डेयरी के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सरकार के निर्देश केवल एक गाय रखने तक के है। निगम के पास संसाधनों का भी अभाव है। वहीं ग्रेटर पशु चिकित्सा अधिकारी हरेंद्र का कहना है कि अवैध डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जहां से भी गौवंश के सड़कों पर घूमने की जानकारी मिलती है वहां पर कार्रवाई की जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश मीणा/ईश्वर
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