होलिका दहन में गाेकाष्ठ की बढ़ी मांग: सुरक्षित पर्यावरण के लिए इको फ्रेन्डली गोकाष्ठ के उपयोग से होगा होलिका दहन

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होलिका दहन में गाेकाष्ठ की बढ़ी मांग: सुरक्षित पर्यावरण के लिए इको फ्रेन्डली गोकाष्ठ के उपयोग से होगा होलिका दहन


जयपुर, 12 मार्च (हि.स.)। होली के पावन पर्व पर होलिका दहन के लिए पर्यावरण का ध्यान रखते हुए इस बार लकड़ी की जगह गोकाष्ठ का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो इसके लिए पिछले कई दिनों से गोशालाओं में गोकाष्ठ तैयार किया जा रहा है। होलिका दहन के लिए टोंक रोड सांगानेर स्थित श्री पिंजरापोल गौशाला, बगरू स्थित श्री नारायण धाम गोशाला व रामपुरा ऊती स्थित श्री भेरुजी महाराज गौशाला में गोकाष्ठ बनाया जा रहा है। होलिका दहन के लिए यहां से गोकाष्ठ बाजारों में सप्लाई की जा रही है। इसके अलावा राजापार्क आर्य समाज कार्यालय में भी गोकाष्ठ उपलब्ध है।

अलग- अलग वजन के पैकेट है उपलब्ध

यहां 14 किलो को पैकेट 200 रुपये व 7 किलो का पैकेट 100 रुपये व 3 किलो का पैकेट 50 रुपये में उपलब्ध है। राजापार्क गोसेवा समिति के अध्यक्ष रवि नैय्यर ने बताया कि पिछले 6 साल से पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को होलिका दहन व लोहड़ी के लिए गो काष्ठ उपलब्ध करवाया जा रहा है।

नौ साल से बनाई जा रहीं है गो काष्ठ

गो सेवा परिवार समिति जयपुर की ओर से बगरू स्थित श्री नारायण धाम गोशाला और रामपुरा कती स्थित श्री भैरूजी महाराज गोशाला में पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत पिछले 9 साल से गोबर से लकड़ी (गोकाष्ठ) बनाई जा रही है। गोशाला के गौकाष्ठ प्रभारी विष्णु अग्रवाल ने बताया कि जयपुर में दो हजार से अधिक जगहों पर गाेकाष्ठ से होली दहन के लिए गोशाला में स्टॉक उपलब्ध है। थापड़ी, कंडे एवं गो काष्ठ 80 हजार किलो तैयार कर लिया गया है। श्री पिंजरापोल गौशाला सांगानेर के माध्यम से जयपुर में 400 से अधिक जगहों पर होलिका दहन के लिए गोकाष्ठ भेजी जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में भी गौ काष्ठ भिजवाया जा रहा है। श्री पिंजरापोल गोशाला सांगानेर के गो काष्ठ प्रभारी राधेश्याम विजयवर्गीय ने बताया कि होलिका दहन के लिए 150 किलो थापड़ी व गोकाष्ठ 2500 रुपये में भाड़े सहित होम डिलेवरी की जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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