वन्य जीव की तालाब, नाडी पर पेड़ों की छांव में बैठकर गणना : चांदनी रात में मचान में बैठकर भी वनकर्मी ने गणना की

वन्य जीव की तालाब, नाडी पर पेड़ों की छांव में बैठकर गणना : चांदनी रात में मचान में बैठकर भी वनकर्मी ने गणना की
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वन्य जीव की तालाब, नाडी पर पेड़ों की छांव में बैठकर गणना : चांदनी रात में मचान में बैठकर भी वनकर्मी ने गणना की


बाड़मेर, 24 मई (हि.स.)। बाड़मेर व बालोतरा जिले में वैशाख पूर्णिमा पर वन्य जीव की गणना की गई। करीब 24 घंटे तक चली गणना के लिए जिले की आठ रेंज के 40 वाटर पॉइंट बनाए गए हैं। गणना शुक्रवार को सुबह 8 बजे पूरी हुई है। भीषण गर्मी में वन कार्मिक तालाब, नाडी पर पेड़ों की छांव में बैठकर गणना की। इसमें हिरण, भेड़िये, नीलगाय, लोमड़ी, जंगली सुअर, जंगली बिल्ली, गिद्द, नेवला, बाज के साथ अन्य जीव मिले हैं। चांदनी रात में मचान में बैठकर वनकर्मी ने गणना की।

दरअसल, वन विभाग हर साल वैशाख पूर्णिमा पर वाटर होल पद्धति से गणना कर वन्य जीवों की संख्या के वास्तविक आंकड़े लेता है। इस दिन निर्धारित पाइंट वन कर्मी पहुंचते है। सुबह 8 बजे से लेकर अगले दिन 8 बजे तक करीब 24 घंटे तक लगातार वन्य जीवों की गणना करते हैं। तालाब, नाड़ी पर पानी पीने आने वाले वन्य जीवों के फोटो खींचते हैं। यह आकलन किया जाता है कि पिछले साल की गणना और इस साल की गणना में कौनसी प्रजाति बढ़ी या घटी है।

इस बार जिले में तेज गर्मी व बारिश के अभाव के चलते 24 घंटे तक चली गणना में हिरण, भेड़िया, नीलगाय, लोमड़ी, जंगली सुअर, जंगली बिल्ली, गिद्द, नेवला, बाज के साथ ही अन्य वन्य जीव मिले हैं। कुछ वाटर पॉइंट्स पर दूरबीन से भी गणना हुई तो कई स्थानों पर मोबाइल कैमरों से कार्मिकों ने गणना की। साल की सबसे बड़ी चांदनी रात को वाटर पॉइंट्स पर पानी पीने के लिए आने वाले वन्य जीवों के फोटो कैमरे में कैद हुए। दिन में तेज धूप व चांदनी रात में वाटर पॉइंट्स के पास कैमरे लगाने के साथ ही पेड़ पर बनी मचान पर बैठे वनकर्मी उन पर नजर रखकर गणना करते दिखे।

बायतु रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी पदम किशोर के मुताबिक वन्य जीव गणना की गई है। गुरुवार को सुबह 8 बजे गणना शुरू हुई। जो 24 घंटे तक लगातार चली है। इस समयावधि में वन्य जीव पानी पीने के लिए नाड़ी, तालाब पर आता ही है। मोबाइल से उसका वन्य जीव का फोटो लेकर एंट्री करते हैं। मेरे रेंज 5 पॉइंट हैं। यहां पर गणना की गई है। हमारे इलाके में ज्यादातर चिंकारा और रोजड़ा और खरगोश ही हैं। फिलहाल कोई नई प्रजाति का वन्य जीव नहीं मिले हैं।

40 वाटर पांइट्स पर, 90 कार्मिक, गर्मी से बचाव के लिए पानी, ग्लूकोज की व्यवस्था

जिले की आठ रेंज के 40 तालाब, नाडी पर वन विभाग के 90 कार्मिक सुबह 8 बजे से 24 घंटे गणना में जुटे रहे। डीएफओ सविता दईया ने बताया कि इस बार जिले की आठ रेंज में कुल 40 वाटर पॉइंट बनाए गए हैं। सहायक वन संरक्षक चंद्रशेखर कौशिक की देखरेख में 90 का स्टाफ में प्रत्येक प्वाइंट्स पर दो से तीन कार्मिकों को लगाया गया है। गर्मी को देखते हुए कार्मिकों के लिए पानी, ग्लूकोज व खाने की व्यवस्था भी की है।

हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रशेखर/ईश्वर

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