निरंतर परिवर्तन और नवाचार ही शिक्षा का भविष्य : श्रीवत्स जयपुरिया
जयपुर, 17 मई (हि.स.)। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने शिमला, हिमाचल प्रदेश में अपना पैन जयपुरिया स्टाफ डवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों के बीच सहयोग, आजीवन सीखने और नवाचार को बढ़ावा देना था। उद्घाटन भाषण वाइस प्रेसिडेंट एचआर राकेश रंजन ने दिया। उन्होंने कार्यक्रम के स्पष्ट उद्देश्यों और अपेक्षाओं और टोन को सेट किया। इसके बाद वाइस चेयरमैन श्रीवत्स जयपुरिया ने एक गतिशील और परिवर्तनकारी भविष्य रोडमैप बनाने पर चर्चा की।
जयपुरिया जयपुर के निदेशक डॉ. प्रभात पंकज ने मनोवैज्ञानिक कल्याण और जयपुरिया की रणनीतिक योजना पर विचारोत्तेजक सत्र में अपने विचार रखे। उन्होंने साझा किया कि कैसे मनोवैज्ञानिक कल्याण सकारात्मक संबंधों, आत्म-स्वीकृति, उद्देश्य की भावना, व्यक्तिगत विकास, स्वायत्तता और क्षमता से जुड़ा हुआ है, और इसे बेहतर स्वास्थ्य, अधिक हप्पिनेस और लंबी आयु से भी जोड़ा। डॉ. वी.पी. सिंह ने एजाइल लीडरशिप मॉडल पर ध्यान केंद्रित करते हुए विनम्रता, अनुकूलनशीलता, दृष्टि, इंगेजमेंट और गति को एक समग्र प्रयास के रूप में समन्वित करने पर ध्यान केंद्रित किया। कार्यस्थल पर एआई के प्रभाव पर सत्र में डॉ. सुभाज्योति रे, निदेशक जयपुरिया, नोएडा ने जेनरेटिव एआई के साथ काम करने के लिए हैंड्स-ऑन प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग पर विचार साझा किए। साथ ही उन्होंने अन्य एआई टूल्स के बारे में विस्तार से चर्चा की। साथ ही, डॉ. कविता पाठक, निदेशक जयपुरिया, लखनऊ ने फीडबैक को और अधिक प्रभावी बनाने पर सत्र आयोजित किया गया। इसमें उन्होंने संगठनात्मक सेटअप में फीडबैक को संभालने, निपटने और बनाने के प्रभावी तरीकों को व्याख्यान दिया। स्टाफ सदस्यों के लिए डॉ. दानेश्वर शर्मा, डॉ. टीना जैन और डॉ. रेखा अत्री द्वारा टीम-निर्माण सत्रो को विभिन्न संवादात्मक और सहभागी तरीकों से आयोजित किए गए। प्रतिभागियों ने खुद को गतिशील टीम-निर्माण गतिविधियों में व्यस्त रखा जहां उन्होंने टीमों में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए विभिन्न कौशल सीखे।
अंत में, डॉ. दीपांकर चक्रवर्ती, निदेशक, इंदौर ने डेटा-आधारित निर्णय लेने पर सत्र का नेतृत्व किया। उन्होंने एक बहुत ही संरचित तरीके से डेटा-आधारित प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता का प्रदर्शन किया। अंत में वाइस प्रेसिडेंट एचआर राकेश रंजन ने कार्यक्रम का संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में टीम-बिल्डिंग गतिविधियों, सांस्कृतिक संध्या, पुरस्कार वितरण और एक ताजगी भरी नेचर वॉक के मिश्रण ने सभी प्रतिभागियों के लिए एक समग्र और समृद्ध अनुभव सुनिश्चित किया। इससे जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में नवाचार और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा मिला।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर
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