गांधीनगर जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर
जयपुर, 4 जनवरी (हि.स.)। रेलवे द्वारा जयपुर के उपनगरीय स्टेशन गांधीनगर जयपुर का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ विकास किया जा रहा है। गांधीनगर जयपुर के पुनर्विकास का कार्य 212.48 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृत किया गया है एवं वर्तमान में कार्य युद्ध स्तर पर प्रगति पर है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक अमिताभ के कुशल दिशा निर्देशन में गांधीनगर जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है। निर्माण कार्य में स्टेशन के मुख्य प्रवेश पर बेसमेंट का काम पूरा हो गया है। एलटी पैनल और ओएफसी के ऑफिस तैयार किए जा चुके हैं। स्टेशन पर इलेक्ट्रिक सब स्टेशन के स्ट्रक्चर का काम पूरा हो गया है और प्रस्थान लॉबी के स्ट्रक्चर का काम भी प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त पार्किंग के स्लैब का काम पूरा हो गया है। इसके साथ ही रियर बिल्डिंग के स्ट्रक्चर का कार्य प्रगति पर है। एयर कॉनकोर्स के कॉलम का कार्य पूरा हो चुका है, तथा गर्डरो का कार्य प्रगति पर है। यात्रियों के आने जाने के लिए अस्थाई रूप से निकास एवं प्रस्थान की व्यवस्था की गई है।
गांधीनगर जयपुर स्टेशन पर दो नई बिल्डिंग का निर्माण प्रस्तावित है। सामने की ओर की मुख्य इमारत जी 2 बिल्डिंग बनाई जायेगी। मुख्य प्रवेश स्टेशन भवन में आगमन-प्रस्थान लॉबी, वेस्टिबुल, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच क्षेत्र, हेल्प डेस्क क्षेत्र, प्रस्थान हॉल, शौचालय, आरपीएफ कक्ष और हेड टीसी कक्ष इत्यादि का प्रावधान रखा गया है। प्लेटफार्म एक पर अनारक्षित प्रतीक्षालय, एक्जिक्यूटिव प्रतीक्षालय, शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जायेगी। एक्सेस कंट्रोल, मेटल डिटेक्टर सिस्टम, बैगेज स्कैनर सिस्टम, प्रतीक्षालय, रिटेल स्टॉल, मॉड्यूलर शौचालय, सीढ़ियां, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि होंगे। स्टेशन पर 8 लिफ्ट और चार एस्केलेटर लगाये जायेंगे और दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाओं का प्रावधान किया जायेगा।
गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर एक एयर कॉनकोर्स बनाया जायेगा जो दोनों इमारतों को प्लेटफार्मों के ऊपर से जोड़ते हुए बनाया जायेगा। एयर कॉनकोर्स 72 मीटर लंबाई में लगभग 2700 वर्ग मीटर में क्षेत्र में बनाया जाएगा। एयर कॉनकोर्स में यात्रियों को वेटिंग रूम की सुविधा के साथ-साथ शोपिंग काम्पलेक्स, कैफेटेरिया, गेम ज़ोन जैसी सुविधाएं भी मिलेगी और यह क्षेत्र यात्रियों के साथ-साथ आमजन के लिये भी उपलब्ध रहेगा। स्टेशन को सिटी सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
स्टेशन के द्वितीय प्रवेश की इमारत जी एक की होगी जिसमें टिकट काउंटरों के साथ हॉल, बुकिंग कार्यालय, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच, प्रस्थान हॉल आदि होंगे तथा अन्दर प्लेटफॉर्म नंबर दो पर अनारक्षित प्रतीक्षा हॉल आरपीएफ थाना, आगमन हॉल होंगे। प्रवेश द्वार पर दुपहिया और चौपहिया वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त दो मंजिला भूमिगत बेसमेंट उपलब्ध कराया जाएगा। मौजूदा फुट ओवर ब्रिज को नई वास्तु कला थीम के साथ पुनर्निर्मित किया जाएगा। स्टेशन पुनर्विकास में ऊर्जा खपत में कमी के लिए ग्रीन बिल्डिंग आधारित सुविधाएं होंगी, जो नवीनीकरणीय ऊर्जा के साथ कचरे के निस्तारण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि जैसे संसाधनों युक्त होगी। स्टेशन पर 1376 kWh क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया जाएगा।
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि गांधीनगर स्टेशन पुनर्विकास का कार्य अपने लक्ष्यानुसार युद्ध स्तर पर चालू है एवं कार्य पूरा करने की नियत तिथि 25 अप्रैल 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर
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