संविधान की मूल भावना के तहत कल्याण के लिएकार्य कर रही सरकार : मुख्यमंत्री
जयपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार संविधान में निहित लोक कल्याण की मूल भावना को सर्वोपरि मानते हुए प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से संविधान की मूल भावना को साकार किया है। जनकल्याणकारी योजनाओं, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों से राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर नागरिक को समान अवसर प्राप्त हों जिससे समावेशी समाज का निर्माण हो सके।
शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित ‘संविधान दिवस कार्यक्रम’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का दिन संविधान की महिमा का उत्सव और उन महान व्यक्तित्वों को याद करने का दिन है, जिन्होंने इस अद्भुत दस्तावेज का निर्माण किया। शर्मा ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे प्रभावी संविधान है। यह हमारे लोकतंत्र का आधार होने के साथ ही सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का मार्गदर्शक भी है। इसमें समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि संविधान हमें अधिकार देने के साथ ही कर्तव्यों की भी सीख देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश सैंकड़ों सालों की गुलामी सहने के बावजूद मजबूती से खड़ा रहा क्योंकि हमारे पूर्वजों ने अपने कर्तव्यों का निष्ठा के साथ पालन किया। हम सब भी अपने दायित्वों का ईमानदारी और निष्ठा से पालन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 नवंबर, 1949 को हमारा संविधान अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को ये लागू हुआ, लेकिन संविधान दिवस मनाने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। यह संविधान के मूल्यों, आदर्शों और हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास था। प्रधानमंत्री ने इस दिन को चुनकर हमें यह स्मरण कराया कि संविधान हमारे देश की आत्मा है और इसकी सुरक्षा और सम्मान हमारा प्रथम कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माण में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान के अन्य महान शिल्पियों का अतुलनीय योगदान है जिनकी कड़ी मेहनत और दूरदृष्टि की वजह से ही हमें ऐसा महान संविधान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब अंबेडकर के जीवन से जुड़े पंचतीर्थों का निर्माण करवाया, जिससे उनके योगदान को सम्मान मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संविधान दिवस के संदेश को प्रदेशवासियों तक पहुंचाने के लिए अनेक पहल की जा रही हैं। हम संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों की पालना के बेहतर प्रयासों को सम्मानित कर रहे हैं। संविधान दिवस पर अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए अभियान चलाने जैसे प्रयास राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। साथ ही, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में विद्यालयों एवं सरकारी कार्यालयों में संविधान की प्रस्तावना के पठन सहित विभिन्न कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान को आत्मसात कर इसे सार्वजनिक जीवन में लागू करना तथा अपने कर्तव्यों का सर्वाेत्तम पालन करना ही राष्ट्र निर्माण की कुंजी है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि संविधान में दिए गए मूल्यों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि हमारा संविधान केवल एक पुस्तक नहीं बल्कि राष्ट्र की आत्मा का प्रतिबंब है। हम सब एक नागरिक के रूप में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें लेकिन कर्तव्यों को भी नहीं भूलें तथा आपसी सहभागिता से सुशासन की स्थापना कर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने में योगदान दें।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उपस्थित लोगों को संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया।
इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, विधि एवं विधिक संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित
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