एयरपोर्ट शिलालेख की फोटो पोस्ट की कांग्रेस नेता जयराम रमेश, लिखा किसने किया काम, किसने चुराया नाम

एयरपोर्ट शिलालेख की फोटो पोस्ट की कांग्रेस नेता जयराम रमेश, लिखा किसने किया काम, किसने चुराया नाम
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एयरपोर्ट शिलालेख की फोटो पोस्ट की कांग्रेस नेता जयराम रमेश, लिखा किसने किया काम, किसने चुराया नाम


बीकानेर, 18 नवंबर (हि.स.)। कम शब्दों और ज्यादा संकेतों में बात कहने के माहिर कांग्रेस के महासचिव और राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश शनिवार को राजस्थान में बीकानेर के संक्षिप्त दौरे पर रहे। बीकानेर के नाल एयरपोर्ट की फोटो पोस्ट की। छह शब्दों का कैप्शन लिखा और कई सवाल खड़े करने के साथ एक बहस को जन्म दे दिया।

जयराम रमेश ने बीकानेर के नाल सिविल एयरपोर्ट पर लगे दो शिलालेख का फोटो लिया। इसे पोस्ट किया और लिखा-किसने किया काम, किसने चुराया नाम..। अब जानिये क्या है इस शिलालेख में? दरअसल इसमें पहला शिलालेख-नाल के सिविल एयरपोर्ट के शिलान्यास का है। इस शिलान्यास समारोह के पट्ट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सिविल एविएशन मंत्री प्रफुल्ल पटेल, राजस्थान के तत्कालीन मुख्य सचेतक वीरेन्द्र बेनीवाल, खाजूवाला के भाजपा विधायक डा.विश्वनाथ मेघवाल के नाम लिखे हैं। इसके साथ ही दूसरा शिलापट्ट है उद्घाटन समरोह का। इसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सिविल एविएशन मिनिस्टर अशोक गजपति राजू, जी.एम.सिद्धेश्वरा, सांसद निहाल चंद मेघवाल, सांसद अर्जुनराम मेघवाल और विधायक डा.विश्वनाथ मेघवाल के नाम हैं।

जयराम इस फोटो के जरिये बताना चाह रहे हैं कि विकास के काम कांग्रेस की यूपीए सरकार ने किए हैं। मोदी सरकार कांग्रेस के किये गए कामों पर का श्रेय लेने में लगी है।

श्रेय कोई ले, काम नेताओं के ही आ रहा

बीकानेर के सिविल एयरपोर्ट के शिलान्यास, उद्घाटन सहित हवाई सेवाओं के लिए भले ही श्रेय कोई भी लेता रहा है लेकिन बीकानेर खुद को ठगा-सा महसूस कर रहा है। वजह, शिलान्यास से लेकर अब तक 14 साल हो चुके हैं बीकानेर से एक भी नियमित फ्लाइट नहीं है। लंबे समय से पूरी तरह बंद रही फ्लाइट पिछले महीने चालू हुई है वह भी सप्ताह में तीन दिन सिर्फ दिल्ली के लिए। ऐसे में यह एयरपोर्ट ज्यादातर चुनाव में नेताओं के चार्टर्ड प्लेन उतारने के लिए ही काम आ रहा है।

क्या कहते है बीकानेरवासी

बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजसेवी कन्हैयालाल बोथरा का कहना है कि बीकानेर में सिविल एयरपोर्ट और हवाई सेवा शुरू करवाने के लिए सबसे ज्यादा संघर्ष यहां के व्यापारियों-उद्यमियों ने किया। हर सरकार के पास गए। हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। बार-बार प्रजेंटेशन दिये। जो एयरपोर्ट और जैसी सेवाएं मिल रही हैं, वैसी तो कल्पना ही नहीं की थी। दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि बीकानेर संभाग मुख्यालय हवाई सेवाओं के लिए सबसे पिछड्डी साबित हो रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप

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