राज विस चुनाव : अजमेर की आठ में से सात सीटों पर कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी तय
अजमेर, 1 नवम्बर(हि.स.)। राजस्थान विधान सभा चुनाव को लेकर अजमेर जिले की आठों सीटों पर अब स्थितियां साफ होने लग रही है। अजमेर उत्तर विधानसभा पर कांग्रेस व मसूदा पर भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा को छोड़कर शेष सातों सीटों पर कांग्रेस और भाजपा ने अपने- अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इसी के साथ ही दोनों ही राजनीतिक पार्टियों में टिकट के महत्वाकांक्षी दावेदारों के समर्थकों का विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। दावेदारों ने नामांकन भरने की तिथि शुरू होने के पहले ही दिन जाकर नामांकन पत्र खरीद लिए यह बाद दीगर है कि अभी तक नामांकन पत्र भर कर जमा नहीं कराए हैं।
दोनों ही दलों के ऐसे लोग पार्टी प्रत्याशियों के विरुद्ध निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर कर खेल बिगाड़ने पर आमादा हैं। वैसे यह स्थितियां चुनाव नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि निकलने के साथ ही साफ हो जाएंगी। फिलहाल कांग्रेस की तीसरी और चौथी सूची में सामने आए अजमेर की दक्षिण विधानसभा सीट, नसीराबाद सीट व किशनगढ़ सीटी पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले नए चेहरे देकर हिम्मत दर्शाई है। वक्त के साथ वोटर भी कांग्रेस के पक्ष में जाता है यह देखने वाली बात होगी। कांग्रेस ने जहां अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में पहली बार महिला प्रत्याशी द्रोपदी कोली को टिकट दिया है वहीं किशनगढ़ में भाजपा के बागी पूर्व भाजपा प्रत्याशी विकास चौधरी पर दांव खेला है तो नसीराबाद में पूर्व विधायक खानदान गोविंद सिंह गुर्जर परिवार से अलग युवा नेता शिव प्रकाश गुर्जर को प्रत्याशी बनाकर सभी चौंका दिया है। मजे की बात है कि इन नामों से भले ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आपस में विरोध होने के स्वर सुनाई देने लगे हों लेकिन सच्चाई है कि भाजपा के प्रत्याशियों की हवा बंद हो रही है।
अजमेर दक्षिण से कांग्रेस की द्रोपदी कोली को टिकट मिलने के कुछ देर बाद ही हेंमत भाटी के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया। अब कांग्रेस में गुटबाजी हावी होती नजर आ रही है इसी के कारण हेमंत भाटी के समर्थकों द्वारा बुधवार को जीसीए चौराहे पर नारेबाजी व टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए टिकट बदलने कि मांग की।
कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व में हेमंत भाटी को विधानसभा में दो बार टिकट देकर प्रत्याशी बनाया गया, लेकिन दो बार हेंमत भाटी को भाजपा की अनिता भदेल ने भारी मतों से पराजित किया। भदेल अजमेर दक्षिण से लगाता चार बार की विधायक है और प्रदेश में भाजपा सरकार के रहते मंत्री भी रही हैं। द्रोपदी कोली के आगे अनिता भदेल को चुनाव प्रबंधन से लेकर कार्यकर्ताओं को साधने तक में यद्पि कोई दिक्कत नहीं आएगी किन्तु भीतर खाने पुराने कांग्रेसी जो अपनी कटुता व शत्रुता भुलाकर एकजुट हो गए तो अनिता भदेल को चुनाव जीतने में भारी चुनौती जरूर हो जाएगी। यही सोच कर इस बार कांग्रेस किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहती थी, इसी कारण इस बार महिला प्रत्याशी नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष है द्रोपदी कोली जो तीन बार की पाषर्द हैं स्नातकोत्तर के साथ पीएचडी डॉक्टर की उपाधि प्राप्त हैं उसे चुनावी रण में उतारा गया है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता डॉ राजकुमार जयपाल के घर डीसीसी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कांग्रेस के पार्षद व पदाधिकारीगण मौजूद रहे। इस बैठक में शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विजय जैन सहित स्वयं कांग्रेस प्रत्याशी डॉ द्रोपदी कोली भी उपस्थित थी। इस बैठक में उनका स्वागत भी किया गया। जानकारी के अनुसार अजमेर दक्षिण से पूर्व में दो बार कांग्रेस प्रत्याशी रहे हेमंत भाटी और पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल की राजनीतिक अदावत सबको मालूम है। यही वजह है कि अब जब कांग्रेस ने डॉ द्रोपदी कोली जो कि हेमंत भाटी के ही समाज से आती हैं और नया चेहरा हैं को प्रत्याशी बनाया है कि हेमंत भाटी समर्थक उसे पचा नहीं पा रहे हैं और वे विरोध में उतर आए हैं। ऐसे में डॉ राजकुमार जयपाल संभव है कि द्रोपदी कोली को समर्थन देकर एक तीर से दो निशाने साधेंगे। एक तो द्रोपदी कोली के हमदर्द बन जाएंगे साथ ही उसके बहाने से कांग्रेस के मुखिया अशोक गहलोत की गुडबुक में आकर अपना दबदबा बनाए रखेंगे।
पिछले पचास वर्षों में संभवत: यह पहला अवसर रहा है, जब अजमेर जिले से नसीराबाद से कांग्रेस को स्वर्गीय गोविंद सिंह गुर्जर के कुनबे से बाहर निकाला गया है। पहले स्वयं गोविंद सिंह गुर्जर 25 वर्षों तक नसीराबाद से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे, इसके बाद स्वर्गीय गुर्जर के परिवार से जुड़े रामनारायण गुर्जर और महेंद्र सिंह गुर्जर नसीराबाद से उम्मीदवार बनते रहे और चुनाव भी जीतते रहे।
अजमेर के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विकास चौधरी कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित हो गए हैं। विकास ने 2018 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण कांग्रेस से टिकट हासिल कर लिया है। 2018 में भाजपा के तत्कालीन विधायक भागीरथ चौधरी को मात देकर टिकट प्राप्त हुआ था और इस बार कांग्रेस में पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया और सचिन पायलट के कट्टर समर्थक राजेंद्र गुप्ता को मात देकर टिकट हासिल कर लिया है।
इसके अलावा केकड़ी से कांग्रेस के डॉ रधु शर्मा रिपीट हुए हैं तो मसूदा से राकेश पारीक और पुष्कर से नसीम अखतर को मौका मिला है। नसीम के लिए यहां कांग्रेस गहलोत गुट से पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती बागी के रूप में मुसीबत बन सकते हैं तो वहीं भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश रावत के लिए वहां के क्षेत्रीय उम्मीदवार और रावत समाज के लोग ही अड़ंगा लगाए हुए हैं। केकड़ी में भाजपा ने पूर्व में विधायक रहे शत्रुधन गौतम को फिर मौका दिया है जब कि मसूदा से भाजपा का टिकिट फायनल होना शेष है। अजमेर उत्तर से चार बार से जीत रहे विधायक एवं मंत्री वासुदेव देवनानी को उन्हीं की पार्टी के वैश्य, ब्राह्मण व सिंधी समुदाय से इस बार चुनौती मिलने जा रही है। यहां पार्षद ज्ञान सारस्वत व सुभाष काबरा ने ताल ठोक रखी है। बहरहाल चुनावी समर में नित नए समीकरण बनते और बिगड़ते नजर आ रहे हैं जब तक नामांकन का अंतिम दिन नहीं गुजर जाता।
हिन्दुस्थान समाचार/संतोष /ईश्वर
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