लंपी में मरे पशुओं का मुआवजा नहीं मिला
झुंझुनू, 9 सितंबर (हि.स.)। झुंझुनू जिले के सैकड़ों पशुपालक लंपी से मरे दुधारू पशुओं के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। इतने दिन बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है। जिले में 2187 पशुपालकों में से अभी तक महज 1380 को मुआवजा राशि मिल पाई है। बाकी पशुपालक रोज दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। संबंधित अधिकारी बाकी रहे पशुपालकों को मुआवजा नहीं मिलने का कारण उनके खाता नंबर व जन आधार नंबर सही नहीं होना बता रहे हैं।
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार सूची में शामिल सैकड़ों पशुपालक मुआवजे से इसलिए वंचित रह गए क्योंकि उनके नाम, जन आधार और बैंक खाता नंबर सही नहीं थे। इस वजह से उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया। हालांकि बाद में वंचित पशुपालकों के नाम, खाता नंबर व जन आधार कार्ड सही कर सूची भेजी गई है। प्रदेश सरकार ने लंपी के दौरान एक पशु की मौत पर 40 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाना तय किया था। पशुपालन विभाग के अनुसार जिले के दुधारू पशु की मौत पर पशुपालकों को पांच करोड़ 52 लाख रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है।
झुंझुनू जिले में लम्पी से करीब 4 हजार से ज्यादा दुधारू पशुओं की मौत हुई थी। लेकिन आगे भेजी गई सूची में सिर्फ 2187 के ही नाम शामिल थे। सरकार ने इसी सूची को आधार मानते हुए इनमें 1380 पशुपालकों को 40-40 हजार रुपए की सहायता जारी कर दी। शेष रहे पशुपालकों के नाम, खाता नंबर व जन आधार में गड़बड़ी के चलते मुआवजा नहीं मिल पाया।
झुंझुनू पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक रामेश्वर सिंह ने बताया कि वंचित पशुपालकों को जल्दी ही मुआवजा मिलेगा। खाता नंबर व जनआधार में गड़बड़ी की वजह मुआवजा की राशि अटक गई थी। गलतियां को सही कर सूची को दोबारा जयपुर भेज दिया था। जल्द ही वंचित पशुपालकों को मुआवजे दे दिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ रमेश सर्राफ/ईश्वर

