बजट 2023-24: चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख तक इलाज मुफ्त
- प्रतापगढ़, जालोर और राजसमंद में मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा
जयपुर, 10 फ़रवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रति परिवार बीमा राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रतिवर्ष करने की घोषणा की है। वहीं मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के माध्यम से चिरंजीवी परिवारों की दुर्घटना बीमा राशि को पांच लाख से बढ़ाते हुए दस लाख रुपये किये जाने का ऐलान किया है। इसके अलावा प्रतापगढ़, जालोर एवं राजसमंद में राज्य के खर्चे से मेडिकल कॉलेज तथा जोधपुर में मारवाड मेडिकल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री शुक्रवार को राज्य विधानसभा में बजट 2023-24 के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से संबंधित घोषणाओं की जानकारी दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे सदन को अवगत कराते हुए अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है कि हमारा प्रदेश निःशुल्क यूनिवर्सल हेल्थ केयर उपलब्ध कराने वाला देश का एकमात्र राज्य बन गया है। निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए हमारे द्वारा शुरू की गई 'मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत वर्तमान में तीन हजार सात सौ करोड़ रुपये व्यय कर लगभग एक करोड़ 38 लाख परिवारों को 10 लाख रुपये तक निःशुल्क चिकित्सा का लाभ सरकारी के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी मिल रहा है। इस योजना में लंग्स, बोन मेरो, किडनी, लीवर, हृदय आदि ट्रांसप्लांट 10 लाख रुपये की सीमा के अतिरिक्त राज्य सरकार के ही खर्चे पर निःशुल्क किये जाते हैं। अभी तक इस योजना के अन्तर्गत 32 लाख से अधिक लोगों को आईपीडी में निःशुल्क इलाज प्राप्त हो चुका है। सीएम ने आगामी वर्ष से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रति परिवार बीमा राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रतिवर्ष करने तथा इस लाभ को निःशुल्क प्राप्त करने वाले परिवारों का दायरा बढ़ाते हुए सभी ईडब्ल्यूएस परिवारों को भी चिरंजीवी योजना का लाभ निःशुल्क दिये जाने की घोषणा की। इसके अलावा मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के माध्यम से चिरंजीवी परिवारों की दुर्घटना बीमा राशि को 5 लाख से बढ़ाते हुए 10 लाख रुपये किये जाने की घोषणा की।
गहलोत ने बताया कि मानसिक तनाव व अवसाद से बचाने तथा इसका सामना करने के लिए जयपुर, जोधपुर एवं कोटा में साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेंटर्स प्रारम्भ किये जाने प्रस्तावित हैं। इस के लिए 20 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा। प्रदेश के युवाओं को शराब एवं नशे की लत जैसे व्यसनों से मुक्ति दिलाने की दृष्टि से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली, कोटा एवं अजमेर सहित 15 स्थानों पर 20 करोड़ रुपये की लागत से नशामुक्ति केन्द्र खोलना या सुदृढ़ करना प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय एवं आरयूएचएस तथा जोधपुर के मथुरादास माथुर चिकित्सालय (एमडीएम) सहित अन्य मुख्य चिकित्सा महाविद्यालयों, अस्पतालों में टेरटेयरी केयर चिकित्सा एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा।आरयूएचएस मेडिक ल कॉलेज, जयपुर में 206 करोड़ रुपये की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लाक स्थापित होगा व मेडिकल कॉलेज-कोटा एवं अजमेर में कैंसर रोगियों के लिए 55 करोड़ रुपये की लागत से लीनियर एक्सलरेटर मशीन स्थापित की जाएगी।
निम्बाहेड़ा-चित्तौड़गढ़ में नर्सिंग कॉलेज खोला जाएगा तथा डीडवाना नागौर में जनाना हॉस्पिटल विंग की स्थापना की जाएगी। महुवा दौसा, भिवाड़ी अलवर तथा लक्ष्मणगढ़ सीकर के उप जिला अस्पतालों को जिला अस्पतालों में क्रमोन्नत किया जाएगा। पहाड़ी (कामां) - भरतपुर में ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कार्यालय खोला जाएगा। इसके साथ ही उप जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र व सेटेलाइट अस्पताल खोले व क्रमोन्नत किये जाएंगे। बेगू-चित्तौड़गढ़ में ब्लड बैंक की स्थापना की जाएगी।
इसके अलावा आयुर्वेद वेलनेस पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्राकृतिक वातावरण में ठहरने की सुविधा के साथ इंटरनेशनल सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म, जोधपुर की तर्ज पर आयुर्वेद, योग व नेचुरोपैथी एकीकृत महाविद्यालय, चाकसू जयपुर में भी 50 करोड़ रुपये की लागत से सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस इन पंचकर्म खोला जाएगा। समस्त ब्लॉकों पर होम्योपैथिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ संदीप

