जयपुर में बरसात और कोहरे से बढ़ी ठिठुरन, सर्द हवाओं से सहमा राजस्थान
जयपुर, 28 नवंबर (हि.स.)। बीते तीन दिन में मौसम के बदले मिजाज ने प्रदेशवासियों को ठिठुरने पर विवश कर दिया है। प्रदेश से होकर गुजर रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई जिलों में देर रात से अलसुबह तक रिमझिम बारिश का दौर चला। कुछ जिलों में छाए घने कोहरे से लोग सुबह देर तक घरों में कैद रहे। मौसम विभाग ने मंगलवार को जयपुर समेत आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में बादल छाए रहने और बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। राजधानी जयपुर में सुबह कोहरा छाया। इसके बाद से बूंदाबांदी का दौर जारी है।
प्रदेश में सोमवार रात के तापमान में आंशिक उतार चढ़ाव रहा लेकिन दिन में पारे में दस डिग्री तक गिरावट होने पर मौसम सर्द रहा। बादल छाए रहने पर कड़ाके की सर्दी लोगों को महसूस हुई। बीते तीन दिन से बादलों संग सूर्यदेव की आंखमिचौनी रहने पर सर्दी के तीखे तेवरों के चलते लोग सुबह देर तक घरों में दुबके रहे। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस सिस्टम का असर राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में आज और रहेगा। देर शाम से पश्चिम और दक्षिण राजस्थान के जिलों में मौसम साफ होने लगेगा और उसके बाद घना कोहरा छा सकता है।
राज्य में आज भी जयपुर, भरतपुर संभाग के जिलों में आसमान में बादल छाए हुआ है। वहीं, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर और कोटा संभाग के जिलों में सुबह से घना कोहरा देखने को मिला है। जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, राजसमंद, पाली, बाड़मेर, जालोर समेत कई जिलों में मंगलवार सुबह घना कोहरे होने के कारण विजिबिलिटी कम रही और बाइपास पर गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित रही। जयपुर के ग्रामीण इलाकों में हल्का कोहरा देखने को मिला। शहर में कुछ जगहों पर बारिश हुई। इससे पहले जयपुर में सोमवार शाम शाम सर्द हवाएं चली। कल दिन में जयपुर में पूरे दिन बादल छाने से सर्दी तेज रही। इससे पहले बीते 24 घंटे के दौरान कोटा, बारां, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, पिलानी के अलावा करौली, टोंक, राजसमंद, धौलपुर, दौसा समेत कई जगह बारिश हुई। कोटा में 24 मिलीमीटर बरसात हुई। कोटा में पिछले 12 साल में नवम्बर माह में दूसरी सबसे ज्यादा बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बरसात 48 मिलीमीटर साल 2021 में हुई थी। इसी तरह जोधपुर में रविवार सुबह 8 से सोमवार सुबह 8 बजे (24 घंटे) के बीच 14.6 मिलीमीटर बरसात हुई, जो पिछले 12 साल में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड है। जोधपुर में 1976 में 23.6 मिलीमीटर बरसात हुई, जो अब तक नवंबर में हुई सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड है।
इसी तरह, करौली में 32, सपोटरा 24, श्रीमहावीरजी में 27, बूंदी में 9, नैनवा में 11, केशोरायपाटन 16, टोंक के उनियारा में 16, भीलवाड़ा के हमीरगढ़ में 25, शक्करगढ़ में 9, राजसमंद के गिलुंड में 39, नाथद्वारा में 11, धौलपुर के बसेड़ी में 15, सरमथुरा में 10 मिमी बारिश हुई। जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, जयपुर और कोटा संभाग के कुछ इलाकों में अगले तीन-चार दिन बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के चूरू, हनुमानगढ़ और आस-पास के क्षेत्र में आज भी हल्की बारिश होने व 29 नवंबर से मौसम शुष्क रहने की संभावना है। साथ ही, आगामी दो-तीन दिन राज्य में कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाए रहने और अधिकतम तापमान औसत से 4-8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज होने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ के असर के चलते राजस्थान के कई हिस्सों के साथ देश में भी कई जगहों पर मौसम तंत्र गड़बड़ा गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बादल और बारिश के बाद कोहरे की वजह से 10 फ्लाइट्स को जयपुर डायवर्ट किया गया है। सिडनी, चेन्नई, गोरखपुर सहित कई शहरों व देशों की फ्लाइट्स को जयपुर डायवर्ट किया गया था। इनमें से आठ फ्लाइट्स दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद रवाना हो गई, लेकिन अब भी दो फ्लाइट्स जयपुर में अटकी हुई है। एयर इंडिया की कोलकाता से दिल्ली फ्लाइट एआई-768 और एयर इंडिया की हैदराबाद से दिल्ली फ्लाइट एआई-541 जयपुर अटकी हुई हैं। दोनों विमानों के पायलट का ड्यूटी टाइम पूरा हो गया था। इस कारण पायलटों ने नियमानुसार विमान छोड़ दिए। हालांकि, विमान वापस दिल्ली नहीं जाने से यात्री रातभर परेशान होते रहे। करीब 12 घंटे से यह फ्लाइट्स जयपुर में अटकी हुई हैं। सोमवार शाम को 6 से 7:30 बजे तक 8 फ्लाइट्स को दिल्ली से जयपुर डायवर्ट किया गया था। दिल्ली में दृश्यता कम होने की वजह से फ्लाइट्स को जयपुर उतारा गया। इस दौरान फ्लाइट्स संचालन गड़बड़ाया हुआ रहा।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप
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