गर्मी में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में यूनिफॉर्म पहनने से मिलेगी बच्चों को छूट, आंध्रप्रदेश की तर्ज पर पानी पीने की बजेगी घंटी

गर्मी में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में यूनिफॉर्म पहनने से मिलेगी बच्चों को छूट, आंध्रप्रदेश की तर्ज पर पानी पीने की बजेगी घंटी
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गर्मी में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में यूनिफॉर्म पहनने से मिलेगी बच्चों को छूट, आंध्रप्रदेश की तर्ज पर पानी पीने की बजेगी घंटी


बीकानेर, 24 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने एक सर्कूलर में बच्चों पर पूरा बैग लाने की बाध्यता समाप्त करने के साथ ही स्कूल में हवा-पानी की भी माकूल व्यवस्था रखने का आदेश दिया है। आदेशानुसार राजस्थान के सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों को गर्मी में यूनिफॉर्म पहनने से छूट मिलेगी। असेम्बली भी खुले मैदान के बजाय कवर्ड एरिया में करवाई जाएगी। इसके अलावा आंध्रप्रदेश की तर्ज पर लंच बेल की तरह पानी पीने की भी घंटी बजेगी ताकि स्टूडेंट बार-बार पानी पी सकें। प्रदेश के कई जिलों में गर्मी का प्रकोप बढ़ने और आने वाले दिनों में हीट वेव की आशंका को देखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से बुधवार को चार पेज की गाइड लाइन जारी की गयी है।

सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में गर्मी में यूनिफॉर्म से छूट देने के लिए कहा गया है। यूनिफॉर्म की जगह बच्चे हल्के, हल्के रंग के ढीले, सूती कपड़े पहनें। अपने सिर को कपड़े, टोपी या गमछे आदि से ढकें। यहां तक कि टाई लगाने के लिए भी स्कूलों की ओर से बाध्य नहीं किया जा सकता। अगर स्टूडेंट को गर्मी में टाई लगाने से परेशानी होती है तो स्कूल प्रबंधन छूट दे सकता है।

सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लंच बेल की तरह वाटर बेल बजानी होगी। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को आदेश नहीं बल्कि सलाह दी है कि वे हर रोज कम से कम तीन बार वाटर बेल जा सकते हैं ताकि बच्चे पानी पी सकें। टीचर भी हर पीरियड में स्टूडेंट्स को अपनी बोतल से पानी पीने की सलाह देंगे। घर जाने से पहले स्टूडेंट्स को अपनी बोतल फिर से पानी से भरनी होगी ताकि रास्ते में दिक्कत न हो।

शिक्षा विभाग ने स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि वे भीड़ वाले सार्वजनिक परिवहन से बचें और धूप में कम से कम निकलें। स्कूल बस और वैन के साथ ही स्टूडेंट्स की साइकिल आदि को छायादार क्षेत्र में पार्क करवाया जाये।

गर्मी के दौरान शुद्ध और ठंडा पानी उपलब्ध कराना होगा। लू से बचाव के लिए ज्यादा पानी पीने के महत्व के बारे में बताया जाएगा और नियमित अंतराल पर पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जाएगी। स्टूडेंट्स को पानी की बोतल, टोपी और गमछा स्वयं लेकर आना होगा और इनका उपयोग भी करना होगा।

बच्चों को टिफिन में हल्का भोजन करने की सलाह दी गई है। टिफिन लाने वाले बच्चों को सलाह दी गई है कि वे ऐसा खाना न लाए जो बासी हो सकता है। स्कूलों में कैंटीन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ताजा और स्वस्थ भोजन ही परोसा जाए। कक्षाओं, हॉस्टल और डायनिंग हॉल में पानी व बिजली की व्यवस्था हो।

निदेशालय ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वो स्कूल में हर वक्त फर्स्ट एड का सामान रखें। गर्मी से बचने के लिए भी सामान होना चाहिए। इसके लिए लू से बचने के लिए ओआरएस घोल या फिर नमक-चीनी का घोल होना चाहिए। नजदीक के अस्पताल के डॉक्टर, नर्स से संपर्क होना चाहिए ताकि तापघात होने पर स्टूडेंट्स को तुरंत दिखाया जा सकें। बच्चे भी खाली पेट या भारी भोजन करने के बाद बाहर न निकलें। मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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