बालोतरा जिले में ग्रामीण की हत्या का मामला: मंत्री कैलाश चौधरी पहुंचे धरना स्थल पर
जोधपुर, 03 नवम्बर (हि.स.)। बालोतरा जिले में नेवरी गांव में गत 30 अक्टूबर को ग्रामीण की हत्या किए जाने के मामले में अब तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगा है और परिजन की तरफ से जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में तीन दिन से धरना प्रदर्शन जारी है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी शुक्रवार को धरना स्थल पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि राजस्थान में जंगल राज बना हुआ है। परिजन तीन दिन से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मगर अब तक उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। राज्य सरकार तुष्टिकरण की नीति अपनाए हुए हैं। मृतक के परिजनो की मांगों को तुरंत निस्तारण होना चाहिए। सरकारी नौकरी, उचित मुआवजा और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यह घटना निदंनीय है। आज सरेआम किसी का भी सर कलम कर दिया जाता है, सरकार तुष्टिकरण की नीति अपना आरोपियों को बचाने में लगी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आज मृतक परिवार और समाज के लोगों की मांगे नहीं जाती है तो कल यानी शनिवार को पूरे बालोतरा जिले में धरनाप्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
केेंदीय मंत्री चौधरी ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने के इरादे से घायल को कल्याणपुर अस्पताल ले जाने की इमदाद बताई जबकि वास्तव में घायल को मंडली के सरकारी चिकित्सालय ले जाया गया था, इससे साफ होता है कि पुलिस की इसमें मिलीभगत है।
इधर आज इस घटना के तीसरे दिन भी मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी के बाहर परिजन का धरना प्रदर्शन जारी है। कई ग्रामीण एकत्र हो रखे है। वे बालोतरा जिला प्रशासन से उचित मुआवजा, सरकारी नौकरी, दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई एवं सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े है। अन्यथा शनिवार से पूरे बालोतरा जिले में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
यह है मामला :
दरअसल बालोतरा जिले में मंडली क्षेत्र में भंवरसिंह राजपुरोहित के खेत में पशुओं के घुसने को लेकर उसने आपत्ति उठाई थी तब आरोपियों द्वारा झगड़ा किया गया था। पड़ौसी होने के नाते ओमाराम उर्फ ओमप्रकाश पुत्र मूलाराम जाट ने बीच बचाव किया था। इस पर बाद में आरोपियों ने नेवरी गांव 30 अक्टूबर की शाम को ओमाराम उर्फ ओमप्रकाश पर बाइक से लौटते समय सरिया और लाठियों से हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया था। बाद में पता चलने पर उन्हें उपचार के लिए पहले मंडली के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से जोधपुर रैफर कर दिया गया था। मगर 31 अक्टूबर की रात को उनकी मौत हो गई। उनके भाई नारायणराम ने गांव के मठार खां, फूसे खां, यारू खां, गनी खां, सोमू खां आदि के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करवाया था। पुलिस ने प्रकरण से जुड़े से मठार खां और फूसे खां को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। मगर उनकी अब तक गिरफ्तारी नहीं बताई गई।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर
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