दंडित बंदी की मौत का मामला : परिजन कर रहे मुआवजे की मांग, धरना
जोधपुर, 25 दिसम्बर (हि.स.)। फौजदारी केस में सजायाफ्ता एक बंदी की अचानक तबीयत बिगडऩे पर एमजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, मगर उसकी उपचार के बीच मौत हो गई। इस बारे में रातानाडा थाने में जेल प्रशासन की तरफ से मर्ग में रिपोर्ट दी गई। मामले को लेकर मृतक के परिजन और समाज के लोग मुआवजे की मांग पर अड़े है। इनका सोमवार को महात्मा गांधी अस्पताल में धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। शव का दोपहर तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया जा सका। परिजन ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
पुलिस ने बताया कि सिरोही जिले के रामपुरा पालड़ी निवासी 29 साल के प्रकाश पुत्र मूलाराम गवारिया पर फौजदारी सहित अन्य प्रकरण दर्ज हो रखे थे। जिस पर एक प्रकरण में उसे एक साल के साधारण कारावास की सजा हो गई थी। यह प्रकरण 2015 का था। जिसमें उसे 22 सितंबर 23 को एक साल का साधारण कारावास की सजा हुई थी। उसके खिलाफ वर्ष 2019 में मारपीट एवं लज्जा भंग का भी केस हो रखा है जोकि न्यायालय में विचाराधीन है। जब कि एक अन्य प्रकरण में उसकी जमानत जब्त हो रखी थी। उसे सिरोही कारागाह से उपाधीक्षक के पत्र क्रमांक पर सजा भुगताने के लिए 22 अक्टूबर 23 को जोधपुर जेल में भिजवाया गया। जहां पर 12-13 दिसम्बर को उसकी तबीयत बिगडऩे पर जेल डिस्पेंसरी में भर्ती कराया गया था। इलाज चल रहा था। मगर 23 दिसंबर को फिर से तबीयत बिगडऩे पर एमजीएच में रैफर कर दिया गया। लेकिन उसकी उपचार के बीच मौत हो गई। रातानाडा पुलिस ने केंद्रीय कारागाह अधीक्षक की रिपोर्ट पर मर्ग दर्ज किया है। जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट की तरफ से की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप
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