भारत-पाक, भारत-चीन युद्ध के बाद गठित केंद्रीय एजेंसी बीएसएफ के 59वें स्थापना दिवस पर निकाली कैमल सफारी

भारत-पाक, भारत-चीन युद्ध के बाद गठित केंद्रीय एजेंसी बीएसएफ के 59वें स्थापना दिवस पर निकाली कैमल सफारी
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भारत-पाक, भारत-चीन युद्ध के बाद गठित केंद्रीय एजेंसी बीएसएफ के 59वें स्थापना दिवस पर निकाली कैमल सफारी


बीकानेर, 1 दिसंबर (हि.स.)। सीमा सुरक्षा बल 59वां स्थापना दिवस पर बीएसएफ बीकानेर मुख्यालय की ओर से अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में शुक्रवार को बीएसएफ की ओर से कैमल सफारी निकाली गई। सफारी को अजय लूथरा, डीआईजी, बीएसएफ ने हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। रैली शहर से होती हुई वापस बीएसएफ के हेड क्वार्टर पहुंची। इस दौरान सजे-धजे ऊंटों पर बीएसएफ के जवानों का रुतबा देखते ही बन रहा था। सेक्टर मुख्यालय में बड़ा खाना का आयोजन केक काट कर शुभारंभ अजय लूथरा, डीआईजी, संजय तिवारी, कमान्डेंट, 124 वी वाहिनी, सुब्रता राय, कमान्डेंट द्वारा किया गया।

लूथरा, डीआईजी बीएसएफ ने बताया कि हर साल बीएसएफ का एक दिसम्बर को स्थापना दिवस मनाया जाता है। आज की स्थापना दिवस में सेक्टर मुख्यालय 124 बटालियन के जवानों और उनके परिवार वालों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसमें बीएसएफ के कार्मिकों ने अपने मनमोहक प्रस्तुतियां दी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षक बीएसएफ के सेवानिवृत्त कर्मियों को बुलाकर स्वागत किया। आगामी दिनों में भी अनेक कार्यक्रम रखे गये है।

उल्लेखनीय है कि भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन युद्ध के बाद, बीएसएफ का गठन 1 दिसंबर, 1965 को एक एकीकृत केंद्रीय एजेंसी के रूप में किया गया था, ताकि भारत की सीमाएं और उससे जुड़े मामलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह भारत के पांच केंद्रीय सशस्त्र बलों में से एक है और दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है। बीएसएफ को भारतीय क्षेत्रों की रक्षा की पहली दीवार का कहा जाता है. दीवार का कहा जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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