जंगल में चरने गए ऊंट ने मालिक को उठा-उठाकर पटका, फिर ऊपर बैठ गया
पाली, 13 अप्रैल (हि.स.)। जिले के बड़ा गुड़ा कस्बे के गांव खाखरा में ऊंट ने मालिक पर जानलेवा हमला कर दिया। मालिक उसे जंगल में चराने ले जा रहा था। पानी पिलाने के दौरान अचानक ऊंट ने मालिक पर हमला कर दिया। उसने मालिक को उठाकर कई बार जमीन पर पटका और उसके ऊपर बैठ गया। हो-हल्ला सुनकर आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मालिक को बचाया।
पाली के बगड़ीनगर थाना इलाके के बड़ा गुड़ा के पास जंगल में सुबह ऊंट ने अपने मालिक शेष सिंह रावत (50) पुत्र मोड सिंह पर हमला कर दिया। खाखरा गांव निवासी पशुपालक शेष सिंह रोजाना की तरह सुबह ऊंट को चराने के लिए जंगल ले जा रहा था। उसने पेड़ से बंधे ऊंट की रस्सी खोली और चराने से पहले पानी पिलाने के लिए खेळी (पानी की टंकी) के पास ले गया। इस दौरान ऊंट ने उस पर हमला कर दिया। घटना के चश्मदीद खाखरा गांव निवासी लाल सिंह ने बताया कि ऊंट ने शेष सिंह को कई बार उठाकर पटका। ऊंट बौरा गया था। उसने शेष सिंह को कंधे, पैर से पकड़ कर दो-तीन बार उठा-उठाकर जमीन पर पटका था। शेष सिंह के चिल्लाने के आवाज सुनकर बस्ती से कई लोग मौके पर पहुंचे। शेष सिंह को अधमरा करने के बाद उसके ऊपर बैठ गया। शेष सिंह 10-15 साल से यह ऊंट पाल रहा है, लेकिन पहली बार ऊंट से शेष सिंह पर जानलेवा हमला किया है। ऊंट ने उसके शरीर पर दो तीन जगह काटा भी। गांव वालों ने बांस और डंडों से ऊंट को दूर किया। रस्सी पकड़ कर उसे शेष सिंह के घर के पास पेड़ के तने से बांध दिया। इसके बाद घायल शेष सिंह को ग्रामीण पाली के बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।
बांगड़ हॉस्पिटल में शेष सिंह को प्राथमिक इलाज दिया गया। शरीर का एक्सरे कराया गया। चोटों पर दवा लगाई और पटि्टयां बांधी। शेष सिंह अचेत हालत में है। उसे पाली के बांगड़ हॉस्पिटल से दोपहर में जोधपुर के लिए रेफर कर दिया गया। शेष सिंह के बेटे नरपत सिंह ने बताया कि पिता ने जंगल में लकड़ियां काटने का ठेका ले रखा है। छह-सात महीने पहले ही जंगल से लकड़ियां ढोकर लाने के लिए पड़ोसी गांव से 35 हजार रुपये में ऊंट खरीदा था। मैं बड़ा बेटा हूं। सोजत सिटी में पेट्रोल पम्प पर काम करता हूं। गांव में पिता शेष सिंह, मां कांता देवी, बहनें उर्मिला (19) और गीता (18) रहती हैं। पाली के वेटरनरी हॉस्पिटल के पशु चिकित्सक डॉ मनोज पंवार ने बताया- ऊंट बहुत ही सरल जानवर है और मालिक की आज्ञा का पालन करता है। लेकिन दिसंबर से मार्च तक के प्रजनन काल के दौरान उनमें सहनशीलता की कमी देखने को मिलती है। ऐसे में कई बात उग्र होकर वह अपने आस-पास जो भी दिखता है उस पर हमला कर देता है। ऊंट की मेमोरी भी शार्प होती है। वह रंजिश पाल ले तो कई साल बाद भी हमला कर देता है।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप
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