ब्राजील के कलाकारों ने सीखे राजस्थानी लोक कला के रंग

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ब्राजील के कलाकारों ने सीखे राजस्थानी लोक कला के रंग


जोधपुर, 17 सितम्बर (हि.स.)। ब्राज़ील-इंडिया कलाकार आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत जोधपुर के निकट सरेचा गांव में लोककला के रंग विदेशी कलाकारों पर नजर आ रहे है। गांव में फार्म स्टूडियो, स्थानीय क्यूरेटर वगाराम चौधरी और मोनिक रोमेको के मार्गदर्शन में ब्राज़ील और भारतीय कलाकारों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान आर्ट ऐज़ फूड रिचुअल एंड ऑफरिंग प्रोजेक्ट के तहत समकालीन कला और पारंपरिक शिल्प को एक साथ लाने का एक अनूठा मंच उपलब्ध हुआ है जिसमें स्थानीय कारीगरों और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के बीच गहरे संवाद स्थापित हुए।

दस दिन के इस साझा प्रोजेक्ट के तहत ब्राजील के कुल पांच कलाकारों ने स्थानीय कलाकार वागाराम चौधरी के साथ ग्रामीण पारंपरिक कामों को जाना व समझा। ब्राज़ीलियन कलाकार और क्यूरेटर रेजिना कारमोना ने बताया कि अपने कलात्मक अनुसंधान को विकसित करने के लिए पर्यावरण, स्थानीय परंपराओं और समकालीन दृष्टिकोणों का सही संयोजन मिला। कलाकार फ्लाविया फर्नांडीस, क्रिस्टीना बेल्फ़ोर्ट, डिजाइनर सोनिया एलिसा डी लीमा लिमोंगे, टेरिमा बेल्फ़ोर्ट के साथ रेजिना कारमोना ने अलग अलग विधाओं में ग्रामीण कलाकारों के साथ अपनी कला व विचारों को मूर्त रूप प्रदान किया। अपने अनुभवों को साझा करते हुए ब्राजीलियन आर्टिस्ट फ्लाविया फर्नांडीस ने स्थानीय शिल्प तकनीकों को यादगार अनुभव बताया। वहीं कलाकार क्रिस्टीना बेल्फ़ोर्ट ने भारत की परंपराओं और आधुनिकता के संतुलन को पुरानी परंपराओं, मंदिरों और शिल्प से जोड़ते हुए अपनी रचना रट से बीज तक में इसे दर्शाया। डिजाइनर और कलाकार सोनिया एलिसा डी लीमा लिमोंगे ने भारत में अपने अनुभव को बचपन के सपने के साकार होने जैसा बताया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

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