(अपडेट) देश-विदेश से पहुंचे हजारों लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई, राजयोगी बीके निर्वैर भाई का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

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(अपडेट) देश-विदेश से पहुंचे हजारों लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई, राजयोगी बीके निर्वैर भाई का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन


(अपडेट) देश-विदेश से पहुंचे हजारों लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई, राजयोगी बीके निर्वैर भाई का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन


सिराेही, 22 सितंबर (हि.स.)। विराट हृदय, दयालुता, समर्पण भाव और त्याग-तपस्या से राजयोगी बीके निर्वैर भाई निश्छल प्रेम के वह निशान छोड़ गए जो सदा लाखों लोगों की स्मृति में प्रेरणा बनकर मार्गदर्शन करते रहेंगे। रविवार दोपहर 12 बजे गार्ड आॅफ आर्नर के सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को हजारों लोगों की मौजूदगी में मुखाग्नि दी गई। एक तपस्वी के महाप्रयाण से हर आंख नम थी। उन्हाेंने चिकित्सा, शिक्षा सहित समाजसेवा के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए।

राजयोगी बीके निर्वैर के देवलोकगमन पर राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मु, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌ढा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे सिंधिया सहित देश-विदेश से अनेक गणमान्य लोगों ने शोक जताते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। प्रातः आठ बजे से उनके अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। कॉन्फ्रेंस हॉल के बाहर अंतिम यात्रा के पूर्व शांतिवन के गार्ड ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस मौके पर संस्थान की देश-विदेश से पहुंची सभी वरिष्ठ बहनें और भाई मौजूद रहे। मुक्तिधाम में विधि-विधान से संस्थान की मुख्य प्रशासिका 100 वर्षीय राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के महासचिव राजयोगी बीके निर्वैर का 19 सितंबर को रात्रि 11.30 बजे अहमदाबाद के अपोलो हॉस्पिटल में देवलोकगमन हो गया था। इसके बाद 20 सितंबर उनके पार्थिव शरीर को मुख्यालय शांतिवन लाया गया, जहां कॉन्फ्रेंस हाल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। 21 सितंबर को माउंट स्थित सभी परिसरों में उनकी बैकुंठी यात्रा निकाली गई।

अंतिम यात्रा के पूर्व सुबह 10 बजे कॉन्फ्रेंस हाल के पोर्च में बीके निर्वैर भाई के पार्थिव शरीर को रखा गया जहां शांतिवन परिसर के सभी गार्ड ने कर्नल बीके सती भाई के नेतृत्व में सुरक्षा गार्डों ने उनके सम्मान में सलामी देकर विदाई दी। इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई जो उनके निवास महादानी कॉटेज पहुंची जहां उनके परिजन, भाई, भतीजे ने श्रद्धांजली अर्पित की। दादी कॉलेज में संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी और ट्रामा सेंटर पर पूरे स्टाफ, भाजपा गिरवर मंडल ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली अर्पित की। दोपहर 12 बजे आबू रोड मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। मुक्ति वाहन को 30 मोटरसाईकिल सवार भाई स्काट कर रहे थे। तलहटी तिराहे पर टैक्सी यूनियन के लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार से पूर्व आबू-पिण्डवाड़ा विधायक समाराम गरासिया ने कहा कि राजयोगी निर्वैर भाई का जीवन आदर्श था। उनके सेवाकार्यों को सदा याद रखा जाएगा। आबू रोड-रेवदर विधायक मोतीराम कोली ने कहा कि आपने अपने संस्थान के साथ सामाजिक क्षेत्र, खासकर चिकित्सा के क्षेत्र में जन कल्याण के कार्य किए हैं जो सदा हमारी यादों में रहेंगे। इस मौके पर उदयपुर जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल, जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्साधिकारी डाॅ. राजेश कुमार, बीजेपी जिलाध्यक्ष सुरेश कोठारी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद जोशी, संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई, अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी व राजयोगिनी बीके जयंती दीदी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी, मीडिया प्रमुख बीके करुणा भाई, कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई, ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ. प्रताप मिड्‌ढा, सदर थानाधिकारी राजीव बदादुर, निर्वैर भाई के भतीजे जसबीर सिंह सहित अन्य परिजन, ग्लोबल अस्पताल के पदाधिकारी, स्टाफ सहित देश-विदेश से पहुंचे हजारों लोग मौजूद रहे। मुखाग्नि के दौरान बीके निर्वैर भाई के सेवासाथी बीके श्याम भाई, बीके मोहन भाई, बीके दीपक भाई भी मुख्य रूप से मौजूद रहे।

राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मु ने गहरा शोक जताते हुए अपने संदेश में लिखा है कि राजयोगी बीके निर्वैर का जीवन मानव जाति के कल्याण के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण था। उनकी उल्लेखनीय जीवन यात्रा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। विभिन्न संस्थाओं के महासचिव, प्रबंध न्यासी और उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ की शिक्षाओं के प्रसार में एक प्रभावी साधन के रूप में कार्य किया। वे करुणा और ज्ञान के प्रतीक थे। वैश्विक शांति और मूल्य-आधारित समाज के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। आपको और पूरे ब्रह्माकुमारीज़ परिवार के साथ-साथ इसके अनगिनत भक्तों के प्रति मेरी संवेदनाएँ स्वीकार करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक संदेश में कहा है कि बीके निर्वैर भाई युवावस्था में ब्रह्माकुमारीज़ में आए और अपना पूरा जीवन उन्होंने मानवसेवा में लगा दिया। उनका समाज सेवा में अविस्मरणीय योगदान है। केंद्रीय मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌ढा ने लिखा है कि राजयोगी बीके निर्वैर भाई जी के निधन के बारे में जानकर मुझे बहुत दुख हुआ। आध्यात्मिक समुदाय और ब्रह्माकुमारीज़ के प्रति उनके समर्पण ने मानव जाति की सेवा की एक स्थायी विरासत छोड़ी है। उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले और ब्रह्माकुमारीज़ परिवार को इस कठिन समय में शक्ति और सांत्वना मिले। राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने लिखा है कि आपने अपना पूरा जीवन आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया। अपनी निस्वार्थ सेवा के माध्यम से ज्ञान और करुणा का प्रसार किया। आपके मार्गदर्शन ने अनेक लोगों के जीवन को छुआ है, और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने शोक संदेश में कहा है कि वे एक अच्छे सुसंस्कृत इंसान थे, जिन्होंने 1982 में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित निरस्त्रीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर ब्रह्माकुमारीज़ का प्रतिनिधित्व किया। आपको सेवाकार्यों के कारण कई राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए। आप सरल स्वभाव, दयालु और लोगों का सम्मान करने वाले नेकदिल इंसान थे।

बीके निर्वैर भाई के सम्मान में रविवार को आधा दिन तक टैक्सी यूनियन ने उन्हें श्रद्धांजली स्वरूप आधे दिन तक अपनी सभी टैक्सियों का संचालन बंद रखा। वहीं तलहटी व शांतिवन के आसपास के लोगों ने अपनी दुकानों को भी आधे दिन के लिए बंद रखा। इसके अलावा आबू रोड सहित जिलेभर के लोगों ने श्रद्धांजली अर्पित की।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

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