अजमेर जिले की आठ में से सात पर जीती भाजपा, एक पर भाजपा का बागी जीता

अजमेर जिले की आठ में से सात पर जीती भाजपा, एक पर भाजपा का बागी जीता
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अजमेर जिले की आठ में से सात पर जीती भाजपा, एक पर भाजपा का बागी जीता


अजमेर, 3 दिसम्बर(हि.स.)। अजमेर जिले का विधानसभा चुनाव परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में रहा। यहां की आठ में से सात विधानसभा सीटें भाजपा ने जीत ली। एक किशनगढ़ सीट पर भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए उम्मीदवार विकास चौधरी के हक में गई।

जनता ने कांग्रेस के दिग्गज डॉ रघुशर्मा से केकड़ी सीट छीन ली, तीर्थराज पुष्कर से अल्पसंख्यक नेता नसीम अख्तर को तीसरी बार नकार दिया, पूर्व उप मुख्य मंत्री सचिन पायलट खेमे से राकेश पारीक को भी मसूदा से शिकस्त देकर घर बैठा दिया। यहां से पहली बार भाजपा के नए चेहरे विरेंद्र कानावत को जनता ने कड़े मुकाबले में विजयी बनाया। अजमेर उत्तर का उत्तर भाजपा के दिग्गज नेता वासुदेव देवनानी को लगातार पांचवीं बार जीता कर संदेश दिया कि मतदाता चेहरे पर नहीं विचारधारा के साथ है। अजमेर दक्षिण से अनिता भदेल को भी पांचवीं बार चुनकर बतला दिया कि जो जनता के साथ सदैव खड़ी रही जनता उनके लिए ही लड़ी, ब्यावर से शंकर सिंह रावत को चौथी बार जीता कर जनता ने ब्यावर जिला बनाने के लिए संघर्ष करने का इनाम दिया। पुष्कर में सनातन का परचम फहराने के लिए सुरेश रावत तीसरी बार चुना। भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ के कहे हो मान रखा अब पुष्करवासियों को अयोध्या निशुल्क यात्रा कराने की जिम्मेदारी सुरेश रावत की है। नसीराबाद सीट पर पूर्व काबिना मंत्री रहे स्वर्गीय सांवरलाल जाट का मान जनता ने बनाए रखा। जबरदस्त मुकाबले में जाट के पुत्र रामस्वरूप लाम्बा को मामूली मतों से ही सही पर दूसरी बार फिर से जीता कर विधानसभा में भेज दिया।

नतीजा रहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जिन दो सीटों केकड़ी और मसूदा पर कांग्रेस को विजयी बनाया था वह भी जनता ने वापस छीन कर भाजपा के खाते में डाल दी। किशनगढ़ की सीट भी एक मात्र कांग्रेस के खाते में इसलिए रह पाई क्यों कि यहां से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी विकास चौधरी को भाजपा से टिकट नहीं देने पर उसे कांग्रेस ने हाथों हाथ भुना लिया था और विकास को कांग्रेस से प्रत्याशी बना दिया। विकास समर्थक भाजपा विचारधारा के तो थे ही उन्होंने मौजूदा सांसद भाजपा के बुजुर्ग नेता भागीरथ चौधरी की तुलना में नौजवान विकास पर ज्यादा भरोसा जताया और उन्हें कांग्रेस के खाते से ही सही विजयी बना दिया। इस सीट पर पूर्व में भाजपा के ही बागी होकर निर्दलीय चुनाव जीते सुरेश टांक यद्यपि विकास को सीधी टक्कर देते नजर आए यही वजह रही कि यहां से भाजपा के भागीरथ चौधरी तीसरे स्थान पर चले गए। यह भाजपा को गहरा धक्का है।

अजमेर विधानसभा चुनाव परिणाम से जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता और अशोक गहलोत सरकार में काबिना मंत्री रहे डॉ. रघु शर्मा को जबरदस्त झटका लगा है। उन्हें भाजपा के पूर्व विधायक और भाजपा सरकार में मुख्य सचेतक रहे शत्रुध्न गौतम ने करारी शिकस्त दी है। डॉ. रघु शर्मा वे नेता है जो केकड़ी को जिला बनाने का श्रेय स्वयं अपने खाते में ले रहे थे वहीं अपने पुत्र सागर शर्मा की भी शानदार राजनीतिक लॉचिंग में लगे हुए थे। इस चुनाव नतीजे से उन्हें बेहद निराश होना पड़ा है। दूसरा झटका कांग्रेस की ही दिग्गज अल्पसंख्यक नेता पुष्कर विधान सभा सीट से चुनाव मैदान में उतारी गई नसीम अख्तर इंसाफ लगातार तीसरी बार चुनाव हार गई। उन्हें तीनों ही बार भाजपा के सुरेश रावत से हार का सामना करना पड़ा। उनके राजनीतिक सफर पर यह हार फुलस्टॉप की तरह देखी जा रही है। इस विधानसभा सीट पर वैसे भी नसीम की जीत संदिग्ध ही मानी जा रही थी यहां से कांग्रेस के ही पूर्व विधायक एवं यूआईटी चेयरमैन रहे डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ने ताल ठोक रखी थी। श्रीगोपाल बाहेती यद्यपि बहुत अधिक मत तो नहीं ले सके पर नसीम की हार वजह जरूर बन गए।

सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह क्षेत्र से जुड़ी अजमेर उत्तर विधानसभा सीट जो सनातन विरोध के चलते सर्वाधिक हॉट सीट मानी जा रही थी और इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण कांग्रेस इस बार इसे अपने पक्ष में भगवान की मरजी की तरह मान रही थी। यहां से सचिन पायलट समर्थक महेन्द्र सिंह रलावता को टिकट दिया गया था किन्तु वे चुनाव लगातार दूसरी बार हार गए। चार बार के विजेता भाजपा सरकार में मंत्री रहे वासुदेव देवनानी सभी को पछाड़ कर विजेता बने। देवनानी को यहां भाजपा विचारधारा के ही बागी ज्ञान सारस्वत से बड़ा खतरा था। यद्यपि राजनीति के जानकारों को कहना था कि बूथ मैनेजमेंट और संघ व पार्टी विचारधारा के लोग आखिर समय में देवनानी साथ आ जाएंगे वही हुआ। ज्ञान सारस्वत ने फिर भी 25 हजार से अधिक मत प्राप्त किए। यह मत उन लोगों ने दिए जो देवनानी से व्यक्तिगत नाराजगी रखते थे।

अजमेर जिले में बीजेपी को टिकिट वितरण होने के बाद से ही कई सीटों पर ना सिर्फ भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा था बल्कि बीजेपी उम्मीदवारों को अपने ही दल के बागी उम्मीदवारों से भी कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा था। पुष्कर, अजमेर उत्तर, किशनगढ़ , ब्यावर, नसीराबाद, मसूदा इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी उम्मीदवारों को अपनी ही पार्टी के बागियों से जबरदस्त चुनौती मिली जिससे बड़े से बड़े राजनैतिक पंडितों को भी जीत के आंकलन स्पष्ट नजर नहीं आ रहे थे। लेकिन आम जनता ने बीजेपी नेताओं की सभी आशंकाओं को नकारते हुए केवल नरेंद्र मोदी के नाम पर दिल खोलकर कमल के निशान पर वोट किए और इसी का नतीजा रहा की बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ करते हुए अजमेर जिले की आठ में से सात सीटों पर कब्जा करके एक बार फिर रिकॉर्ड जीत दर्ज की।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ईश्वर

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