प्रिंसिपल-टीचर्स के ट्रांसफर पर अभी केवल फुफकार मारी, संभल जाओ: राठाैड़

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प्रिंसिपल-टीचर्स के ट्रांसफर पर अभी केवल फुफकार मारी, संभल जाओ: राठाैड़


जयपुर, 17 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान की भजनलाल सरकार अपने पिछले कई फैसलों पर लिए गए यू-टर्न के कारण घिर गई है। नेताओं में आपसी कम्युनिकेशन की कमी को इसका बड़ा कारण बताया जा रहा है। हाल ही में उपचुनाव की आचार संहिता से कुछ देर पहले शिक्षक-प्रिंसिपल के ट्रांसफर और फिर आदेश को निरस्त करने पर भी सरकार की नीति पर सवाल उठे। इसी काे लेकर विपक्ष ने भी सरकार की नीति पर सवाल उठाए हैं। अब भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि इसमें दिक्कत क्या है। हमारा आपसी समन्वय काफी अच्छा है।

उन्हाेंने कहा कि फुफकार मारना और डसना अलग बात है। फुफकार इसलिए मारते हैं कि संभल जाओ। जिस काम में हो, वहां सेवाएं अच्छी दो। हमने फुफकार मारकर समझा दिया। इससे बाकी लोग अच्छे से काम करें। कुछ घंटे में ही तबादलों के आदेश वापसी पर मदन राठौड़ ने कहा कि इसमें क्या दिक्कत है। हमारे एक मंत्री ने दूसरे की चिट्ठी को सम्मान दिया। मैं दूसरे मंत्री का बड़प्पन मानता हूं कि इसका सम्मान किया। हमने कभी एक-दूसरे की टांग खिंचाई नहीं की।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर भी सियासी पलटवार किया। राठौड़ ने कहा कि कि हमारे और कांग्रेस में बड़ा अंतर है। कांग्रेस नेता एक-दूसरे को नकारा-निकम्मा और न जाने क्या-क्या बोल देते थे। हम आपस में समन्वय रखते हैं। वहीं, उपचुनावों की तैयारियों पर राठौड़ ने कहा कि हम उपचुनावों में जनता के बीच सरकार के कामों को लेकर जाएंगे। हमारी सरकार ने पिछले 10 माह में जन कल्याण से जुड़े काम किए हैं। यह उपचुनाव हम विकास के मुद्दे पर लड़ेंगे। प्रत्याशी चयन को लेकर राठौड़ ने कहा कि जो जनता के बीच सेवक बनकर जाता है और जिसको जनता पसंद करती है, उसे हम टिकट देंगे।

असल में मंगलवार (15 अक्टूबर) को शिक्षा विभाग ने एक ही लिस्ट में 40 स्कूल प्रिंसिपल के ट्रांसफर किए थे, जिसमें 39 फेरबदल अकेले दौसा जिले के थे। बैन के बावजूद ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादले किए गए थे। दौसा में हुए तबादलों पर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने तबादले स्थगित करने की मांग की थी। किरोड़ी के पत्र के बाद शिक्षा विभाग ने तत्काल तबादला आदेश वापस ले लिए। इससे पहले राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 78 नगरीय निकायों में की गई राजनीतिक नियुक्तियों पर महज छह घंटे बाद ही रोक लगा दी थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

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