10 दिन में कर्ज माफ करने वाली सरकार ने छीनी 19 हजार किसानों की जमीन- पंकज मीणा

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10 दिन में कर्ज माफ करने वाली सरकार ने छीनी 19 हजार किसानों की जमीन- पंकज मीणा


जयपुर, 29 अक्टूबर (हि. स.)। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज मीणा ने आरोप लगाया है कि राजस्थान में किसान विरोधी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के किसान कर्जमाफी के झूठे चुनावी वादे के कारण राज्य के 19 हजार किसान अपनी जमीन से बेदखल हो गए हैं। इसके अलावा इतने ही किसानों को बैंकों ने जमीन नीलामी के नोटिस भी दिए हुए है। अब अंतिम दौर में मुख्यमंत्री को अपनी गलती का अहसास हुआ तो किसानों की भावनाओं से फिर खिलवाड करने के लिए किसान ऋण राहत आयोग का गठन कर दिया। इस आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति तो कर दी गई लेकिन आयोग कोई काम नहीं कर पाया।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज मीणा ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ छलावा किया। राज्य में 3 लाख 49 हजार 257 कृषकों की एनपीए राशि 6 हजार 18 करोड़ रुपये थी जिनमें से पात्रता अनुसार 5638.47 करोड़ का ऋण माफ होना था, परन्तु सरकार ने सिर्फ सहकारी बैंको का ही कर्ज माफ किया। इसमें भी ज्यादातर किसानों का कर्ज तो पूर्वीवर्ती भाजपा सरकार के शासन में ही माफ कर दिया गया था। कांग्रेस के झूठे वादे के झांसे में आए किसानों ने अपनी जमीन खो दी है। इसमें वर्ष 2019 से 2022 तक कर्ज नहीं चुका पाने के कारण बैंकों ने 2019 में 6594, 2020 में 4990, 2021 में 5294 एवं 2022 में 1765 कुल 18643 किसानों की जमीने कुर्क की है। इसके अलावा सहकारी बैंकों ने भी 81 प्रकरणों में किसानों की जमीने कुर्क की है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज मीणा ने कहा कि कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 26 नवंबर 2018 को पोकरण (जैसलमेर) में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सभा में वादा किया था कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही 10 तक गिनती गिनने तक किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। पोकरण के बाद यह वादा राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुई विभिन्न सभाओं में भी किया था। इसके बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार भी बनी, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने किसानों का ऋण माफ नहीं किया। राजस्व विभाग और राजस्व मंडल के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश भर में 19 हजार किसानों की जमीनें कर्ज नहीं चुका पाने के चलते कुर्क की गई हैं। इनमें सर्वाधिक मामले अलवर, जयपुर और हनुमानगढ़ जिलों के हैं, जहां क्रमश: 4421, 2945 और 1906 किसानों ने अपनी जमीन खोई है।

हिंदुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप

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